Navneet Rana Bail: 23 अप्रैल से देशद्रोह के आरोप में भायखला जेल में बंद अमरावती से निर्दलीय सांसद नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा को मुंबई की सेशन अदालत ने बुधवार को जिरह के बाद सशर्त जमानत दे दी। 30 अप्रैल को ही कोर्ट ने इस मामले में अपना फैसला 2 मई तक के लिए सुरक्षित रख लिया था। दोनों को पचास हजार के निजी मुचलके पर यह जमानत दी गई है।
कोर्ट ने जिन शर्तों पर राणा दंपती को जमानत दी है उनमें वो ये है कि पूछताछ में शामिल रहेंगेवहीं इस तरह का कोई और विवाद नहीं करेंगे। तीसरी ये कि किसी तरह से सबूतों से छेड़छाड़ नहीं करेंगे। वहीं पूरे मामले में किसी तरह की प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं करेंगे। राणा के वकील रिजवान मर्चेंट ने मुंबई से बाहर जाने को लेकर कहा- अभी तक हमारे पास आदेश का केवल ऑपरेटिव पोर्शन आया है। अमरावती जाने दिया जाएगा या नहीं इस बारे में तभी कहा जा सकता है जब हमारे पास पूरा ऑर्डर आ जाएगा।
जेल में बंद नवनीत राणा की पीठ का दर्द देर रात अचानक बढ़ गया था। इसके बाद मंगलवार सुबह उन्हें सीटी स्कैन के लिए मुंबई के जेजे अस्पताल ले जाने की खबरें आईं। हालांकि, उन्हें किसी अस्पताल में शिफ्ट नहीं किया गया है। राणा दंपत्ति के खिलाफ आईपीसी की धारा 15ए, 353 के साथ-साथ बॉम्बे पुलिस एक्ट की धारा 135 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।
राणा दंपत्ति के खिलाफ 124ए यानी देशद्रोह का भी मामला दर्ज है। दोनों को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के आवास मातोश्री के बाहर हनुमान चालीसा पढ़ने का आह्वान करने के बाद गिरफ्तार किया गया था। बॉम्बे हाईकोर्ट ने उनके खिलाफ दर्ज एक मामले को रद्द करने से इनकार कर दिया है।
शुक्रवार को हुई बहस के दौरान दोनों पक्षों के वकीलों ने करीब ढाई घंटे तक अपनी दलीलें पेश की थीं। राणा दंपत्ति पर धार्मिक भावनाओं को भड़काने और देशद्रोह का आरोप है। इसके अलावा एक अन्य प्राथमिकी में उनके खिलाफ सरकारी काम में बाधा डालने का भी आरोप है। राणा दंपत्ति की ओर से अधिवक्ता रिजवान मर्चेंट और अबाद पोंडा ने दलीलें पेश की, जबकि मुंबई की खार पुलिस की ओर से पेश लोक अभियोजक प्रदीप घरात ने जमानत याचिका का विरोध किया।
हनुमान चालीसा विवाद के बीच बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने राणा दंपत्ति के खार स्थित फ्लैट के बाहर नोटिस चस्पा किया है। इस नोटिस के मुताबिक बीएमसी चार मई को फ्लैट का निरीक्षण करेगी और उसमें अवैध निर्माण की जांच करेगी। नोटिस के मुताबिक अगर फ्लैट में कोई अवैध निर्माण पाया जाता है तो उसे हटाने का काम बीएमसी का ब्रेकिंग स्क्वाड करेगा। शिवसेना इस समय बीएमसी में सत्ता में है तो इस मामले पर राजनीति भी शुरू हो गई है।