एक बार फिर पूर्व क्रिकेटर हरभजन सिंह एक बार फिर चर्चा में आ गए हैं. ये कहा जा रहा है कि पंजाब की भगवंत मान सरकार हरभजन सिंह को कोई बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है. सचिवालय के गलियारों और पार्टी के मुख्यालय से जो बातें निकलकर सामने आ रही हैं, उनके अनुसार भज्जी को एक नहीं बल्कि दो जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है. सूची में सबसे ज्यादा ऊपर होने का मतलब सीधा-सीधा है कि सरकार की प्राथमिकता में हरभजन सिंह सबसे ऊपर हैं.
इस बात से यह पता चला है कि भज्जी को पंजाब में स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी की जिम्मेदारी देने के साथ-साथ राज्यसभा में भी भेजा सकता है. वहीं यह भी पता चला है कि आम आदमी पार्टी स्पोर्टस के क्षेत्र में उल्लेखनीय काम करने वाले खिलाड़ियों को राज्यसभा में भेज रही है. इसके लिए जिन नामों की सूची तैयार की गई है. उनमें हरभजन सिंह सबसे ऊपर है. हालांकि अभी तक इस मामले पर सरकार और पार्टी की और से पुष्टि नहीं की गई है.
नवजोत सिंह सिद्धू और हरभजन सिंह
हरभजन सिंह ने जब क्रिकेट से संन्यास लिया था, उस समय उनकी फोटो नवजोत सिंह सिद्धू के साथ वायरल हुई थी. जिससे ये अफवाह फैली थी की वे कांग्रेस में जा सकते है. लेकिन उन्हें इसे नकारते हुए कहा था कि फिलहाल वह राजनीति में नहीं जा रहे. दूसरी और उन्होंने यह भी कहा था कि खेल के क्षेत्र में पिछड़ रहे पंजाब को दोबारा फिर से उसी पुराने स्वरूप में लाने के लिए वह भविष्य में राजनीति में आने के बारे में सोच सकते हैं. राजनीति में आने का विकल्प उनके सामने खुला रहेगा.
हरभजन सिंह, पूर्व भारतीय क्रिकेटर
3 महीने पहले ही हरभजन सिंह ने इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लिया था. 23 साल तक क्रिकेट की दुनिया में ‘टर्बनेटर’ नाम से फैमस भज्जी संन्यास लेने के बाद सीधे जालंधर के बर्ल्टन पार्क आए थे, क्योंकि यहीं से उन्होंनी जर्नी की शुरुआत की थी. इसी मैदान से भज्जी ने अपना खेल खेलना शुरू किया था और पूरी दुनिया में देश और पंजाब का नाम रोशन किया था.
हरभजन सिंह, पूर्व भारतीय क्रिकेटर
फिलहाल पंजाब में राज्यसभा के 5 सदस्यों का कार्यकाल पूरा होने को है और नए सदस्यों के चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. पंजाब से राज्यसभा की पांचों सीटों के लिए दो बार चुनाव होगा. पहले चरण में तीन सीटों के लिए विधायक मतदान करेंगे तो दो सीटों के लिए बाद में मतदान होगा. इस बार विधानसभा में 117 में से 92 विधायक आप पार्टी के पास है और ये तय है कि सभी सदस्य उन्हीं के मर्जी के राज्यसभा में एंट्री करेंगे.