राजस्थान में बने तीन प्रमुख टाइगर रिजर्व इलाकों में बाघ सुरक्षित नहीं है। आंकड़ों पर नजर डालें तो बीते 3 साल में रिजर्व एरिया से 14 बाघ लापता हो चुके हैं। वन विभाग के अधिकारियों को उनके बारे में कुछ भी जानकारी नहीं है। इसमें 10 नर और 4 मादा बाघ हैं। वहीं, बाघ परिवार से जुड़े 9 शावकों का कोई पता नहीं चला पाया है। इधर विभाग यह मान रहा है कि ज्यादातर बाघों की प्राकृतिक मौत हो गई है या वे क्षेत्र छोड़कर चले गए हैं, लेकिन इसका कोई पुख्ता प्रमाण विभाग के पास नहीं है।
वन विभाग की ओर से जारी एक रिपोर्ट पर देखें तो रणथंभौर रिजर्व और उससे लगे सेंचुरी एरिया से 13 बाघ गायब हो चुके हैं। मुकुंदरा हिल्स से एक बाघ लापता हो गया है। बाघ समेत दो बच्चे भी लापता हैं। वन विभाग को इनके बारे में कोई सबूत नहीं मिला है।
बाघों और उनके बच्चों का लगातार गायब होना प्रदेश में चिंता का विषय बनता जा रहा है। बाघों की संख्या बढ़ने के बाद भी उनके ठीक से शिफ्ट न होने के कारण कई बाघ जंगल छोड़कर दूसरे राज्य की टेरेटरी में चले गए। वहीं टेरेटरी संघर्ष में कई मारे भी गए। वहीं, पिछले 3 वर्षों में 5 बाघ क्षेत्र नहीं मिलने के कारण मप्र या अन्य जगहों पर पलायन कर चुके हैं।
रणथंभौर टाइगर रिजर्व में वर्तमान में 53 वयस्क बाघ बाघिन
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