राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए एक बड़ा फैसला लिया है. सरकार 23 फरवरी को विधानसभा में अलग से कृषि बजट पेश करने वाली है. ऐसा पहली बार होगा. जब राज्य में अगल से कृषि बजट पेश किया जाएगा. सीएम गहलोत ने अपने पिछले साल के बजट भाषण में अलग से कृषि बजट पेश करने की ऐलान किया था. इस बीच उन्होंने कहा है कि बजट में किसानों से जुड़ी घोषणाओं को शामिल करने की उम्मीद है. इसे लेकर मंत्रियों और अधिकारियों ने किसानों, पशुपालकों, डेयरी यूनियन के अधिकारियों और आदिवासी क्षेत्रों के किसानों से भी बातचीत भी की है.
मुख्यमंत्री गहलोत ने पुष्टि की है कि कृषि बजट किसानों की आय बढ़ाने और कम लागत पर अधिक उत्पादन पर ध्यान देगा साथ ही बजट इस बात पर भी ध्यान देगा कि प्राकृतिक आपदाओं का सामना कर रहे किसानों की मदद कैसे हो. उसके अलावा किसानों को आत्मनिर्भरता बनाने और बजट का उद्देश्य किसानों का उत्थान करना भी होगा, वही किसानों की उपज को एक जगह स्टोर करने के लिए हर ग्राम पंचायत में अत्याधुनिक गोदाम भी बनाएगें.
जननायक गहलोत ने कहा था कि कोई भी देश कृषि बिना प्रगति नहीं कर सकता. 2022 तक पीएम मोदी के वादे के अनुसार किसानों की आय दोगुनी हुई है.
सीएम गहलोत का कहना है कि उनकी सरकार किसानों की आमदनी को बढ़ाने जैसे मुद्दों पर फोकस कर रही है इसलिए किसानों के लिए अलग से बजट लाया जा रहा है. ये देश में दूसरी राज्य सरकार है जो अलग से कृषि बजट पेश करने जा रही है. पहली बार 14 अगस्त 2021 को तमिलनाडु विधानसभा में पहला विशेष कृषि बजट पेश किया गया था.अशोक गहलोत, मुख्यमंत्री, राजस्थान
गौरतलब है कि, वर्तमान में राजस्थान क्षेत्रफल की दृष्टि से देश का सबसे बड़ा राज्य है. यहां लोगों की आजीविका का मुख्य आधार कृषि और पशुपालन है. अब सरकार का अलग से कृषि बजट लाना किसानों के लिए कितना हितकारी होगा ये तो आने वाला वक्त बताएगा.