राजस्थान विधानसभा में मंगलवार यानी 22 मार्च को राजस्थान सरकार को बड़ा झटका लगा है। एक निजी विश्वविद्यालय जो अस्तित्व में भी नहीं था। इसी विश्वविद्यालय की स्थापना का विधेयक सदन में पेश किया गया। सदन में विधेयक पेश करते समय जब यह पता चला कि यह विश्वविद्यालय केवल कागजों पर है तो सभी हैरान रह गए। सरकार की इस गलती पर विपक्ष ने सदन में हंगामा किया। नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया और उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि स्थापना से पहले अगर इतनी धोखाधड़ी की गई है, तो स्थापना के बाद कितनी धोखाधड़ी होगी। इसका अभी अंदाजा ही लगाया जा सकता है।
सीकर कलेक्टर तुरंत मौके पर पहुंचे और वापस बुलाकर स्पीकर से कहा कि मौके पर रेत के टीले हैं और कुछ जगहों पर खुदाई की गई है। कलेक्टर ने अध्यक्ष को बताया कि विश्वविद्यालय का प्रशासनिक भवन मौके पर नहीं बना है।
गुरुकुल विश्वविद्यालय से संबंधित विधेयक को वापस लेने का प्रस्ताव लाना पड़ा।
गुरुकुल विश्वविद्यालय का फर्जी प्रोफाइल बनाकर करोड़ों रुपये का लेन-देन किया गया है। इस विश्वविद्यालय के बुनियादी ढांचे और भौतिक सत्यापन की रिपोर्ट तैयार करने वाले सभी अधिकारियों या समिति के लोगों ने करोड़ों रुपये की ठगी कर फर्जी रिपोर्ट तैयार कर सरकार को रिपोर्ट भेजी है। हमारी मांग है कि इस फर्जी रिपोर्ट को तैयार करने वालों के खिलाफ मामला दर्ज किया जाए और ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़
अमरीक सिंह मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के कुलपति हैं। उन्होंने गुरुकुल विश्वविद्यालय के बारे में पूरी रिपोर्ट तैयार की थी। अमरीक सिंह अपनी पोस्टिंग को लेकर विवादों में रहे हैं। हाल ही में मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के कुलपति अमरीक सिंह की नियुक्ति का मुद्दा सदन में फर्जी तरीके से उठाया गया था।
गुलाबचंद कटारिया ने ध्यान आकर्षण प्रस्ताव के जरिए उठाया मामला
यह मामला विपक्ष के नेता गुलाबचंद कटारिया ने ध्यान आकर्षण प्रस्ताव के जरिए उठाया था। अमरीक सिंह पर फर्जी दस्तावेज जमा करने का आरोप था। राज्य सरकार की ओर से मामले की जांच के लिए एक कमेटी गठित करने की बात कही गई थी।