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MP CM शिवराज सिंह चौहान कल कर सकते हैं मंत्रिमंडल का विस्तार

बीजेपी के 19 विधायकों को सरकार में जगह मिल सकती है, सिंधिया के 9 अन्य नेताओं को मंत्रिमंडल में जगह मिलने की संभावना

savan meena

डेस्क न्यूज – कोरोना संक्रमण के दौरान मध्यप्रदेश में बीजेपी ने शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में सरकार बनाई और उसके बाद से लगातार मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर चर्चा चलती रही, हालांकि राहुल गांधी के करीबी नेता ज्योतिरादित्य सिंंधिया कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए हैं  तो बीजेपी ने मध्य प्रदेश में सरकार तो बना ली, लेकिन मंत्रिमंडल के सदस्यों को लेकर पेंंच फंसा हुआ है।

मध्य प्रदेश में एक बार फिर सीएम शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा शुरू हो गई है।  अगर सूत्रों की माने तो शिवराज सिंह चौहान 30 जून को अपने मंत्रिमंडल का विस्तार कर सकते हैं। इस सिलसिले में वह दिल्ली में केंद्रीय नेतृत्व से भी बात कर रहे है।

CM शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेशाध्यक्ष से की मुलाकात

सूत्रों के मुताबिक, कैबिनेट में शामिल होने के लिए संभावित भाजपा विधायकों और ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थकों के नाम निर्धारित करने के लिए सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भाजपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा और संगठन मंत्री सुहास भगत से मुलाकात की।

छत्तीसगढ़ के राज्यपाल करवा सकते हैं मंत्रिमंडल विस्तार

वही मध्यप्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन के बीमार होने के कारण छत्तीसगढ़ के राज्यपाल अनुसुईया उइके को मध्य प्रदेश का प्रभार दिया जा सकता है।

बीजेपी के 19 विधायकों को सरकार में जगह मिल सकती है

भाजपा चाहती है कि शिवराज के मंत्रिमंडल में,वर्तमान 5 मंत्रियों सहित, कुछ ओर मंत्रियों की नियुक्ति की जाए,  इसका मतलब है कि शिवराज की टीम में 24 से 25 लोगों को जगह मिल सकती है।  गोविंद सिंह राजपूत और तुलसी सिलवट के बाद, ज्योतिरादित्य सिंधिया के 9 अन्य नेताओं को मंत्रिमंडल में जगह मिलने की संभावना है।  बीजेपी के पास अपने कैंप में 18 से 19 मंत्री होंगे।

बीजेपी महासचिव अपनी ही पार्टी की शिवराज सरकार को गिराना चाहते थे

इससे पहले खबर यह भी आई थी भारतीय जनता पार्टी के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान की सरकार को गिराना चाहते है क्योंकि वे नहीं चाहते कि शिवराज सिंह चौहान सीएम बने रहे।

मध्य प्रदेश के वरिष्ठ भाजपा नेता भंवरसिंह शेखावत ने आरोप लगाया है कि 2018 के विधानसभा चुनाव में भी पार्टी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने यह सुनिश्चित किया था कि पार्टी को कम से कम सीटें मिलें, ताकि पिछले 13 सालों से राज्य की सत्ता के शीर्ष पर क़ाबिज़ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को हटाया जा सके।

इसी साल मार्च में बनी बीजेपी की सरकार

आपको बता दें की 2018 में मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव हुए थे इस चुनाव में बीजेपी को 109 सीटें मिली थी जबकि कांग्रेस को 114 सीटें मिली थी। इसके बाद इसी साल मार्च में कमलनाथ सरकार के ज्योतिरादित्य सिंधिया गुट के कई मंत्रियों सहित 16 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था जिस कारण मध्य प्रदेश में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार गिर गई थी, इसके बाद बीजेपी ने सरकार बनाई और शिवराज सिंह चौहान को मुख्यमंत्री बनाया गया।

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