Gyanvapi Masjid 
उत्तर प्रदेश

काशी विश्वनाथ मंदिर से सटी ज्ञानवापी मस्जिद पर क्या है विवाद, कोर्ट के दखल के बाद भी क्यों बढ़ता जा रहा है मामला, क्या कहता है इतिहास

ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर हिंदू पक्षों का दावा है कि मंदिर को तोड़कर मस्जिद का निर्माण किया गया है। संरचना की दीवारों पर भी देवताओं के चित्र प्रदर्शित हैं इसके अलावा दावा किया जा रहा है कि असली शिवलिंग ज्ञानवापी मस्जिद के तहखाने में छिपा है

Deepak Kumawat

दुनिया के सबसे पुराने शहरों में से एक काशी अपनी अनूठी संस्कृति के लिए जाना जाता है। यहां बाबा विश्वनाथ जाति और धर्म से ऊपर हैं। बाबा की कृपा से ही इस नगर का रस सदा बना रहता है। शायद इसीलिए इसे बनारस कहा जाता है। लेकिन ज्ञानवापी मस्जिद भी उसी परिसर में मौजूद है, जहां बाबा विश्वनाथ विराजमान हैं। अयोध्या विवाद सुलझने के बाद उम्मीद की जा रही है कि काशी का समाधान भी कोर्ट से निकलेगा। ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर हिंदू पक्षों का दावा है कि मंदिर को तोड़कर मस्जिद का निर्माण किया गया है। संरचना की दीवारों पर भी देवताओं के चित्र प्रदर्शित हैं इसके अलावा दावा किया जा रहा है कि असली शिवलिंग ज्ञानवापी मस्जिद के तहखाने में छिपा है। काशी विश्वनाथ मंदिर को 1664 में औरंगजेब ने नष्ट कर दिया था। फिर मंदिर की भूमि के एक हिस्से पर उसके अवशेषों से एक मस्जिद का निर्माण किया, जिसे ज्ञानवापी मस्जिद के नाम से जाना जाता है।

18 अगस्त 2021 को मुकदमा दायर किया गया
दिल्ली निवासी राखी सिंह, लक्ष्मी देवी, सीता साहू, मंजू व्यास और रेखा पाठक ने विश्व वैदिक सनातन संघ के जितेंद्र सिंह विसेन के नेतृत्व में 18 अगस्त 2021 को वाराणसी की जिला अदालत में मुकदमा दायर किया था। उनका कहना है कि उन्हें मस्जिद के परिसर में माँ शृंगार गौरी, भगवान गणेश, भगवान हनुमान, आदि विशेश्वर, नंदीजी और मंदिर परिसर में अन्य देवताओं के दर्शन, पूजा करने की अनुमति दी जानी चाहिए। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अजय कुमार मिश्रा को एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त किया और ज्ञानवापी परिसर के सर्वे के आदेश दिए।

जिसके बाद कल यानी गुरुवार को ज्ञानवापी मस्जिद में पहले दिन वीडियोग्राफी और सर्वे किया गया है। बाहर आए अंजुमन इनजानिया मस्जिद कमेटी के अधिवक्ता अभय नाथ यादव ने एडवोकेट कमिश्नर पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

ज्ञानवापी परिसर के पश्चिम की ओर स्थित चबूतरे की वीडियोग्राफी की गई। इसके बाद 5:45 बजे जब एडवोकेट कमिश्नर ने ज्ञानवापी मस्जिद का गेट खोलकर अंदर जाने की कोशिश की तो हमने विरोध किया। कोर्ट का ऐसा कोई आदेश नहीं है कि आप बैरिकेडिंग के अंदर जाकर वीडियोग्राफी करवाएं। लेकिन, एडवोकेट कमिश्नर ने कहा कि उनके पास ऐसा आदेश है। मस्जिद की दीवार उंगली से खुरेच कर देखा हालांकि कोर्ट की ओर से ऐसा कोई आदेश नहीं दिया गया था। इसलिए हम एडवोकेट कमिश्नर से पूरी तरह असंतुष्ट हैं।
मस्जिद कमेटी के अधिवक्ता अभय नाथ यादव
मस्जिद में हो रहे सर्वे को रोक दिया गया
ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे को लेकर आज दूसरे दिन अपडेट सामने आया है मस्जिद में हो रहे सर्वे को रोक दिया गया है। सर्वे टीम ने कहा है कि मुस्लिम पक्ष ने उन्हें अंदर जाने से रोका है। वहीं उनका कहना है कि कोर्ट के आदेश के बाद भी उन्हें बैरिकेडिंग लगाकर आगे नहीं बढ़ने दिया गया, वहीं सर्वे टीम ने जानकारी देते हुए कहा कि मुस्लिम समुदाय के लोगों ने उन्हें वहां जाने से रोका है। वहीं, उन्हें ज्ञानवापी मस्जिद में प्रवेश नहीं करने दिया गया है।

कोर्ट को कमिश्नर बदलने की अर्जी

ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले में प्रतिवादी ने कोर्ट को कमिश्नर बदलने की अर्जी दी है। वाराणसी की ज्ञानवापीमस्जिद के सर्वेक्षण के संबंध में प्रतिवादी ने 7 मई को सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में मौजूदा कोर्ट कमिश्नर को हटाने और उनके स्थान पर दूसरे को नियुक्त करने के लिए एक आवेदन दायर किया है।

मामले में वकील कमिश्नर बदलने को लेकर कोर्ट में अगली सुनवाई 9 जून को रखी गई है। प्रतिवादी का सर्वेक्षण करने वाले वकील और आयुक्त को बदलने के लिए शनिवार को मुस्लिम पक्ष अदालत में गया। वहीं, अब आयोग की कार्रवाई अगली सुनवाई तक जारी रहेगी।

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