ममता सरकार के खिलाफ सचिवालय मार्च ('नबन्ना मार्च') निकालने वाले बीजेपी कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने वाटर कैनन का इस्तेमाल किया। साथ ही भीड़ को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज भी किया गया। वहीं शुभेंदु अधिकारी, लॉकेट चटर्जी समेत कई बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया है।
हिरासत के दौरान रानीगंज और बोलपुर में भाजपा कार्यकर्ता बंगाल पुलिस से भिड़ गए।
शांतिपुर में बीजेपी कार्यकर्ताओं ने ट्रेन में अर्पिता और पार्थ चटर्जी के पोस्टर लहराए। पोस्टर पर चोर लिखा हुआ है।
कोलकाता पुलिस ने हावड़ा रेलवे स्टेशन पर ही बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सुकांतो मजमुदार को हिरासत में ले लिया।
तीन तरफ से घेराबंदी की योजना, विशेष बल तैनात
भाजपा ने सचिवालय की तीन-तरफा घेराबंदी की योजना बनाई थी। हावड़ा रेलवे स्टेशन के सुकांतो मजूमदार, संतरागाछी से शुभेंदु अधिकारी और स्कॉइड से दिलीप घोष को सचिवालय जाना था, लेकिन तीनों को पुलिस ने रोक दिया। बंगाल पुलिस ने नेताओं को रोकने के लिए विशेष बल तैनात किया था।
पश्चिम बंगाल में 14 सितंबर से विधानसभा का सत्र शुरू हो रहा है। ऐसे में माना जा रहा है कि बीजेपी की शक्ति प्रदर्शन दिखाने की कोशिश है। विरोध में बीजेपी ने बंगाल में तृणमूल नेताओं के भ्रष्टाचार का मुद्दा बनाया है। भ्रष्टाचार के आरोप में तृणमूल के दो मजबूत नेता पार्थ चटर्जी और अनुब्रत मंडल जेल में हैं।