पश्चिम बंगाल

क्या कोलकाता में गंगासागर मेले से फैलेगा ओमीक्रान !, प्रशासन अलर्ट मोड पर

पश्चिम बंगाल सरकार ने कोरोना के बीच मेले का आयोजन कर प्रदेश की जनता को मुश्किलों में डाल दिया हैं. ओमीक्रान का डर सरकार को बिल्कुल नहीं है.

Raunak Pareek

देश में बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच देश में मेलों का आयोजन होना यह दिखाता है की सरकार ओमीक्रान को लेकर बिल्कुल सतर्क नहीं है. पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री सीएम ममता बनर्जी ने आवतराम घाट पर मेले का उद्धाटन किया. बाद में उन्होने प्रशासन और आम जनता से कहा है की वह मेले में ज्यादा भीड़ और वाहनों की भारी भीड़ ना लगाए.

गंगा सागर मेले में कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए प्रशासन पूरा सतर्क है. वही दक्षिण 24 परगना के डीएम पी.उलगनाथन ने भी कहा कि सभी अंदर आने वाले प्वाइंट पर मेडिकल स्क्रीनिंग की जा रही है. मेले में भरने वाली भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने व्यापक प्रबंधन किए है. वहीं रैंडम कोरोना टेस्टिंग भी की जा रही है. मेले के आसपास टेस्टिंग कियोस्क भी लगाए गए हैं. वही प्रदेश की सीएम ने बुधवार को गंगासागर मेले में आने वाले तीर्थयात्रियों से Covid​-19 गाइडलाइन का सख्ती से पालन करने का आग्रह किया.

साथ ही कहा की मेले में डबल मास्क पहनें और प्रशासन का सहयोग करें. अगर जरूरत पड़े तो पुलिस की मदद लें. उन्होंने कहा कि साधु समेत मैं सभी श्रद्धालुओं से अनुरोध करती हूं कि मेले को छोटा रखें, क्योंकि कोरोना तेजी से बढ़ रहा है. मैं जो भी कर सकती हूं, कर रही हूं, लेकिन कोविड और ओमिक्रॉन मेरे हाथ में नहीं है.

गंगासागर मेले में अन्य राज्यों से आने वाले सभी श्रद्धालुओं का स्वागत करती हूं. कोरोना से बचने के लिए डबल मास्क लगाएं. मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव और न्यायमूर्ति न्यायमूर्ति के. डी. भूटिया की खंडपीठ ने इसे दो सदस्यीय समिति के रूप में पुनर्गठित कर दिया, जिसमें पूर्व न्यायमूर्ति समस्ती चटर्जी और पश्चिम बंगाल विधि सेवा प्राधिकरण के सचिव शामिल हैं.

7 जनवरी को हुआ निगरानी कमेटी का गठन -

कलकत्ता हाई कोर्ट ने सागर द्वीप में गंगासागर मेले में कोविड-19 संबंधी पाबंदियों की पालना हो इसके लिए सात जनवरी को तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया था. जिसमें से मंगलवार को राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी को बाहर कर दिया है. तृणमूल कांग्रेस नीत पश्चिम बंगाल सरकार ने भारतीय जनता पार्टी के नेता सुवेंदु अधिकारी को समिति में शामिल करने पर आपत्ति जताई थी.

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