11 मई का दिन भारत के इतिहास में काफी खास है। इस दिन भारत ने अमेरिका की नाक के नीचें जो काम किया उसे देख विश्व के सभी देश अचंभित रह गए। 11 मई 1998 में भारत ने सफल परमाणु परिक्षण किया था जिसके बाद से ही विश्व में भारत की एक अलग पहचान बन गई थी। अब भारत के पास खुद की परमाणु शक्ति थी, इसके लिए उसे किसी बड़े देश पर निर्भर होने की जरुरत नहीं थी। भारत के इस कदम से अमेरिका नाराज था, पर देश के इस कारनामें से पूरे भारत में खुशी की लहर दौड़ गई थी।
तकनीकी के क्षेत्र में भारत ने जो योगदान दिया था वह बेहद खास था, उसी को सेलिब्रेट करने के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने लिए हर साल 11 मई को देश में राष्ट्र तकनीकी दिवस (National Technology Day) मनाने की घोषणा की थी। इस दिन देश के मेहनती वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं, इंजीनियरों, शिक्षकों और विज्ञान एंड टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में शामिल सभी बुद्धिजीवियों को सम्मानित किया जाता है।
National Technology Day 2022 Theme: हर साल National Technology Day की थीम अलग अलग होती है। इस साल इस दिवस की थीम "सस्टेनेबल फ्यूचर के लिए साइंस एंड टेक्नोलॉजी में इंटिग्रेटेड अप्रोच" है।
भारत के लिए परमाणु परीक्षण करना आसान बात नहीं थी। उस समय विश्व की सबसे बडी शक्ति अमेरिका ने सभी देशों के परमाणु परिक्षण पर रोक लगा रकी थी। इससे पहले भारत ने 1995 में परमाणु परीक्षण करने का प्रयास किया था पर अमेरिका की खूफिया एजेंसी ने भारत की इस कोशिश पर पानी फेर दिया था। अमेरिका ने भारत को अपने कदम पीछे खिचने के लिए मजबूर किया। हालांकि इस समय भारत 2 कदम पीछे हट गया पर परमाणु परीक्षण का इरादा अपने दिमाग से नहीं निकाला। भारत ने अमेरिका से छुपकर परमाणु परीक्षण किया।
1996 में अटल बिहारी वाजपेयी भारत के प्रधानमंत्री बने। सत्ता में आने के 13 दिन बाद ही वाजपेयी ने परमाणु परीक्षण अभियान को फिर से शुरू करने का एकमात्र फैसला लिया, और इस मिशन का नाम ऑपरेशन शक्ति रखा। इस मिशन में देश के मिसाइस मैन डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। साथ ही इस मिशन में इंडियन आर्मी, डीआरडीओ (Defence Research and Development Organisation), भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर (BARC) और AMDER (Atomic Minerals Directorate for Exploration and Research) ने मिलकर सफल बनाया।
पहली बार 1999 में नेशनल टेक्नोलॉजी डे (National Technology Day) मनाया गया था।
भारत में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी से संबंधित संस्थानों में भारत की प्रौद्योगीकीय क्षमता के विकास को बढ़ावा देने और इस क्षेत्र से जुड़े लोगों को सम्मानित करने के लिए यह दिवस मनाया जाता है।
इस दिन भारत में निर्मित देश के पहले एयरक्राफ्ट हंस-3 ने 11 मई 1998 को बेंगलुरु में सफलतापूर्वक उड़ान परीक्षण किया था।
भारत में बनी त्रिशूल मिसाइल का सफल परीक्षण भी 11 मई1998 को हुआ था।
भारत ने अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में साल 1998 में '11 मई' के दिन ही अपना दूसरा सफल परमाणु परीक्षण किया था।यह परीक्षण राजस्थान के पोखरण में किया गया था। बता दें की भारत मे पहला परमाणु परीक्षण 1997 में किया था।
नेशनल टेक्नोलॉजी डे पर भारत के राष्ट्रपति द्वारा तकनीकी के क्षेत्र में अभूतपूर्व काम करने वाले व्यक्ति को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी पुरस्कार (National Technology Award) दिया जाता है।