PM Modi US Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका की राजकीय यात्रा पर हैं। गुरुवार (22 जून 2023) को पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने विभिन्न क्षेत्रों में प्रमुख सौदों पर हस्ताक्षर किए।
ये सौदे ना सिर्फ भारत-अमेरिकी संबंधों में विश्वास बहाली और रिश्तों को नई ऊंचाई पर पहुंचाने की कोशिश हैं, बल्कि इसे हिंद और प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती दादागिरी पर अंकुश लगाने के प्रयास के रूप में भी देखा जा रहा है।
भारत और अमेरिका ने ना सिर्फ रक्षा क्षेत्र में सौदों किया, बल्कि अंतरिक्ष, सेमी कंडक्टर, व्यवसाय आदि कई क्षेत्रों में महत्वपूर्ण समझौते हुए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि भारत ने भारत-अमेरिका अंतरिक्ष सहयोग को आगे बढ़ाते हुए आर्टेमिस समझौते पर हस्ताक्षर करने का फैसला किया है।
नासा (NASA) और इसरो (ISRO) इस साल के अंत तक मानव अंतरिक्ष उड़ान के लिए एक रणनीतिक ढांचे पर सहयोग करने पर सहमत हुए हैं। नासा 2024 में अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए एक संयुक्त मिशन शुरू करने के लक्ष्य के साथ ह्यूस्टन, टेक्सास में जॉनसन स्पेस सेंटर में भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को प्रशिक्षित करेगा।
भारत-अमेरिका के बीच आर्टेमिस समझौते हुआ है। आर्टेमिस समझौता अन्वेषण, विज्ञान और वाणिज्यिक संचालन को बढ़ावा देने के लिए तय करता है।
इसके मूल सदस्य संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, इटली, जापान, लक्ज़मबर्ग और संयुक्त अरब अमीरात हैं। अधिक से अधिक देश अनुसंधान स्टेशनों, उपग्रहों या फिर रॉकेट लॉन्चरों के माध्यम से अंतरिक्ष में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं।
अमेरिका और भारत एक सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। इसके तहत माइक्रोन टेक्नोलॉजी इंक. ने सरकारी मदद से एक नया सेमीकंडक्टर विनिर्माण और परीक्षण संयंत्र विकसित करने के लिए गुजरात में $825 मिलियन तक निवेश करने की घोषणा की है।
अमेरिका के रक्षा दिग्गज GE एयरोस्पेस ने भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान इंजन बनाने के लिए भारत की हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के साथ एक समझौता पर हस्ताक्षर किया है। GE एयरोस्पेस HAL के साथ हल्के लड़ाकू विमान Mk 2 के लिए भारत में अपने F414 जेट इंजन का उत्पादन करेगा।
भारत इस समझौते के बाद अमेरिका, रूस, फ्रांस और यूनाइटेड किंगडम के साथ जेट इंजन का उत्पादन करने वाला दुनिया का पांचवां देश बन जाएगा।
पीएम मोदी की यात्रा के बीच अमेरिकी सरकार ने ‘इन-कंट्री’ नवीकरणीय एच-1बी वीजा शुरू करने की घोषणा की। इस निर्णय से उन विभिन्न भारतीयों के लिए एच-1बी वीजा के नवीनीकरण की प्रक्रिया आसान हो जाएगी, जो वर्तमान में एच-1बी वीजा पर अमेरिका में काम कर रहे हैं। भारतीय पेशेवरों को अब अपने कार्य वीजा को नवीनीकृत करने के लिए विदेश यात्रा करने की आवश्यकता नहीं होगी।
भारत अमेरिका स्थित जनरल एटॉमिक्स एयरोनॉटिकल सिस्टम्स इंक. (जीए-एएसआई) से 31 MQ9B प्रीडेटर ड्रोन खरीदेगा। यह सैन्य बिक्री लगभग 3 बिलियन अमेरिकी डॉलर की है। इस ड्रोन का निर्माण भारत में ही किया जाएगा।
इसके जरिए भारत के सैन्य बलों की ISR क्षमताओं में सुधार करेगा। दोनों नेताओं ने कहा कि भारत की स्वदेशी रक्षा क्षमताओं को बढ़ाने के दीर्घकालिक उद्देश्यों में इससे मिलेगी।
भारत और अमेरिका ओपन आरएएन और 5जी/6जी में अनुसंधान और विकास पर ध्यान केंद्रित करते हुए आधुनिक दूरसंचार पर दो संयुक्त कार्य बल लॉन्च किए। दोनों देशों द्वारा दिए गए एक संयुक्त बयान में कहा गया है कि वेंडर और ऑपरेटरों के बीच सार्वजनिक-निजी सहयोग का नेतृत्व भारत के भारत 6G एलायंस और यूनाइटेड स्टेट्स नेक्स्ट जी एलायंस द्वारा किया जाएगा।
एक और महत्वपूर्ण प्रगति क्वांटम कंप्यूटिंग के क्षेत्र में सहयोग है। दोनों देशों ने उद्योग, शिक्षा जगत और सरकार के बीच सहयोग बढ़ाने के लिए एक संयुक्त भारत-अमेरिका क्वांटम समन्वय तंत्र का गठन किया है। इसका लक्ष्य अंततः पूर्ण क्वांटम सूचना विज्ञान और प्रौद्योगिकी समझौते तक पहुंचना है।
पीएम मोदी और राष्ट्रपति बाइडेन ने AI एजुकेशन को आगे बढ़ाने, व्यावसायिक संभावनाओं को बढ़ावा देने और जेनरेटिव एआई सहित भरोसेमंद एवं जिम्मेदार एआई पर संयुक्त और विश्वव्यापी जुड़ाव पर सहमति जताई। अमेरिका ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर वैश्विक साझेदारी के अध्यक्ष के रूप में भारत के नेतृत्व का भी समर्थन किया।
पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान भारतीय रेलवे ने यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट/इंडिया (यूएसएआईडी/इंडिया) के साथ MoU पर हस्ताक्षर किया है। इसके अलावा क्लीन एनर्जी और ऊर्जा दक्षता समाधानों पर USAID/भारत के साथ सहयोग की परिकल्पना की गई है।
इसकी अलावा, कार्बन उत्सर्जन को भी कम करने के लिए दोनों देश मिलकर काम करेंगे। मिशन नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य को पाने के लिए भारतीय रेलवे कार्बन फुटप्रिंट्स को कम करने का प्रयास किया गया है।