ब्रिटेन के अगले प्रधानमंत्री की रेस में शामिल भारतवंशी ऋषि सुनक ने अपनी प्राथमिकताएं स्पष्ट करते हुए वैश्विक शांति के लिए चीन को सबसे बड़ा खतरा करार दिया है। चीन की साम्राज्यवादी नीतियों की आलोचना करते हुए सुनक ने ड्रैगन पर तकनीक चुराने से लेकर विकासशील देशों को कर्ज के जाल में फंसाकर तबाह करने का भी आरोप लगाया है। ऋषि सुनक ने चीन पर सख्त कार्रवाई का वादा करते हुए कहा कि चीन विकासशील देशों को अपने कर्ज के जाल में फंसाकर बर्बाद कर रहा है। उन्होंने चीन के बेल्ट एंड स्कीम रोड की भी आलोचना की है.
गौरतलब है कि श्रीलंका में चल रहे आर्थिक संकट के पीछे चीन से लिया बेहिसाब कर्ज भी है। पाकिस्तान भी इस वक्त चीन के कर्ज तले दबा हुआ है। दिवालिया होने से बचने के लिए शहबाज शरीफ देश की राष्ट्रीय संपत्ति बेचने जा रहे हैं।
गौरतलब है कि कि कुछ दिन पहले ही कंजर्वेटिव पार्टी के नेतृत्व की दौड़ के अंतिम चरण में उनकी प्रतिद्वंद्वी लिज ट्रस ने सुनक पर चीन और रूस के प्रति कमजोर रवैया रखने का आरोप लगाया था। उसके जवाब में सुनक ने जोरदार अटैक चीन पर किया है। चीन को वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा बताते हुए उन्होंने कहा कि चीन बहुत चालाकी से हमारे विश्वविद्यालयों में घुस रहा है। सुनक ने कहा, 'चीन हमारे यूनिवर्सिटीज तक पहुंच रहा है और हमारी तकनीक चुरा रहा है. वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए इस वक्त चीन से बड़ा खतरा और कुछ नहीं है।' उन्होंने यह भी कहा कि व्लादिमीर पुतिन को बढ़ावा देने में चीन का हाथ है। इस वक्त भी बीजिंग ने रूस से तेल खरीदना बंद नहीं किया है।
चीन को लेकर सुनक की नीतियां कितनी कठोर हो सकती हैं इसका अंदाजा उनके प्रस्तावों से लगाया जा सकता है। उन्होंने चीन के खिलाफ नाटो जैस गठबंधन की वकालत की है। साथ ही, सुनक की ओर से दिए प्रस्तावों में चीन की भाषा और संस्कृति के प्रसार पर रोक की भी सिफारिश की गई है। उन्होंने देश में 30 से ज्यादा कन्फ्यूशियस संस्थान बंद करने की बात कही है। सुनक ने ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी में चीनियों के प्रवेश को रोकने के लिए प्रस्ताव दिया है। सुनक ने उच्च शिक्षा संस्थानों से CCP (चीनी कम्युनिस्ट पार्टी) को देश की यूनिवर्सिटी से बाहर निकालने का भी वादा किया है।