खाद्य संकट के खतरे से जूझ रहे श्रीलंका में अब सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को एक सप्ताह का अतिरिक्त समय देने का फैसला किया है जिससे लोग अपने घरों में सब्जियां और अन्य खाद्य पदार्थ उगा सकें। देश में करीब 10 लाख सरकारी कर्मचारी हैं।
इस देश के करीब दो करोड़ लोग 70 साल के सबसे बड़े आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं। श्रीलंका विदेशी मुद्रा की भारी कमी चलते आवश्यक जरूरतें भोजन, ईंधन और दवाओं के आयात के लिए संघर्ष कर रहा है।
श्रीलंका सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मचारियों को अगले तीन महीने के लिए शुक्रवार को छुट्टी देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। ईंधन की कमी के कारण काम करने में परेशानी का सामना कर रहे श्रमिकों को आंशिक रूप से मदद के लिए यह फैसला लिया गया है।
इसके अलावा यह फैसला इसलिए भी लिया गया है ताकि लोग अपने घरों में फल और सब्जियां उगा सकें, ताकि उनका और उनके परिवार का पेट भर सकें।
श्रीलंका की मदद के लिए अमेरिका ने कहा है कि वह तैयार है। श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे का फोन आने के बाद अमेरिकी विदेश मंत्री एंथनी ब्लिंकेन ने कहा कि हम श्रीलंका के साथ काम करने के लिए तैयार हैं। इस महीने की शुरुआत में विक्रमसिंघे ने एक बयान में कहा था कि देश को अपने जरूरी सामान के आयात के लिए करीब 50 करोड़ डॉलर की जरूरत है।
पिछले महीने देश के कृषि मंत्री महिंदा अमरवीरा ने किसानों से ज्यादा से ज्यादा चावल उगाने की अपील की थी। उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट है कि खाद्य संकट विकराल होता जा रहा है। ऐसे में किसानों से अनुरोध है कि वे अपने खेतों में जाकर धान की खेती करें। वहीं सरकार ने आर्थिक संकट से निपटने के लिए टैक्स भी बढ़ा दिया है।