पाकिस्तान ने हाल ही आरोप लगाया कि भारत ने उसके हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया है। हालांकि भारत की तरफ से दागी गई सुपरसोनिक मिसाइल (बिना हथियारों से लैस) पर भारत ने खेद जताते हुए इसके जांच के आदेश दिए है।
ये मिसाइल 9 मार्च को पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में जा गिरी। इसने पाकिस्तान के अन्दर 124 किलोमीटर, जिले खानेवाल में कोल्ड स्टोरेज को निशाना बनाया था। जिसमें कोई जन हानि नहीं हुई। अमेरिका ने भारत के पक्ष में आकर कहा कि यह घटना महज आकस्मिक घटना है, जानबूझकर किया गया अटैक नहीं है।
अमेरिका के विदेश विभाग प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि हमारे पास ऐसा कोई इनपुट नहीं है कि यह घटना जानबूझकर की गई थी, इस बारे में भारत ने भी कहा है कि यह दुर्घटना के अलावा मात्र है।
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि इस मामले पर संयुक्त जांच की जाए क्योंकि यह मिसाइल पाकिस्तान में गिरी है। साथ ही कहा कि हम जानना चाहते है कि भारत की तरफ से दागी गई मिसाइल कौनसी है।
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने जारी किये बयान में कहा कि इतने गंभीर विषय को आसन से स्पष्टीकरण देकर नहीं छोड़ा जा सकता है। भारत अपनी तरफ से जांच की बात कर रहा है, यह काफी नहीं है। हम संयुक्त जांच की मांग करते है जिससे प्रत्येक तथ्य की निष्पक्ष जांच हो सके।
आपकों बता दें कि चीन ने भी इस घटना में दखल देते हुए जांच की मांग की है साथ ही कहा कि भारत और पाकिस्तान को जल्द ही बातचीत कर मसले को सुलझाना चाहिए। चीन ने कहा कि भारत की तरफ से पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में गिरी मिसाइल ‘आकस्मिक गोलीबारी’ की गहन जांच शुरू की जानी चाहिए।
भारत और पाकिस्तान के बीच 2005 में बैलिस्टिक मिसाइलों के परीक्षण को लेकर समझौता हुआ था। जिसके तहत प्रत्येक देश को बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण करने से पहले दूसरे देश को कम से कम तीन दिन पहले सूचित करना आवश्यक है। ये समझौता सभी तरह की मिसाइलों के परीक्षण को लेकर है, चाहें वह सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल हों और चाहें सतह से समुद्र पर मार करने करने वाली हो।
इस समझौते के अनुसार मिसाइल जहां से फायर होनी हो वह दोनों देशों की सीमा से 40 किलोमीटर दूर होनी चाहिए। मिसाइल गिरने का स्थान नियंत्रण रेखा और अंतर्राष्टीय सीमा से 75 किमी दूर होना चाहिए।