पाकिस्तान में राजनीतिक उथल-पुथल काफी तेज हो गई है. ऐसी खबरें निकलकर सामने आ रही है कि पीएम इमरान खान जल्द इस्तीफा दे सकते है. जिससे देश में इमरजेंसी लगने की आशंका तेज हो गई है. इस समय पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की कुर्सी खतरे में है. देश में उनके खिलाफ काफी ज्यादा विरोध प्रदर्शन हो रहे है. पूरा विपक्ष इमरान खान को सत्ता से हटाने के लिए अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए है. इसके लिए शुक्रवार को नेशनल असेंबली बैठक होगी जिसमें इसी दिन प्रस्ताव पर वोटिंग भी हो सकती है.
ऐसे में कहा जा रहा है कि पाकिस्तान सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के नेतृत्व में सैन्य अधिकारियों ने कथित तौर पर ओआईसी यानी इस्लामिक सहयोग संगठन की बैठक के बाद इमरान खान से इस्तीफा देने के लिए कहा है. वहीं आगामी 22-23 मार्च को पाकिस्तान ओआईसी बैठक में विदेश मंत्रियों के परिषद की 48वें सत्र की मेजबानी करने जा रहा है. पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार ये बात कही जा रही है कि इमरान को सत्ता से बेदखल करने के लिए बाजवा और तीन अन्य वरिष्ठ लेफ्टिनेंट जनरलों ने मिलकर एक मिटिंग की. जहां बैठक का आयोजन बाजवा और आईएसआई के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अंजुम के इमरान खान से मुलाकात करने के बाद हुआ था. जिसमें इमरान को किसी भी तरह की रियायत नहीं देने पर फैसला लिया गया है. ऐसी भी खबरें सामने आई हैं पीएम इमरान खुद को बचाने के लिए देश में इमरजेंसी लगा सकते है.
दूसरी तरफ जमियत उलेमा-ए-इस्लाम-एफ के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान ने इस बात का दावा किया है कि इमरान खान के पास आपातकाल या राज्यपाल शासन लगाने का कोई अधिकार नहीं है क्योंकि उनके पास ‘बहुमत का समर्थन नहीं है.’ रहमान ने इस बात का जिक्र उस समय किया है. जब गृह मंत्री शेख रशीद ने पीएम इमरान को सिंध प्रांत में राज्यपाल शासन को लागू करने की सलाह दी थी. गृहमंत्री रशीद का ऐसा इसलिए कहना था क्योंकि पीटीआई के ही कुछ सांसदों ने अविश्वास प्रस्ताव के बीच इस्लामाबाद के सिंध हाउस में शरण ली है. इन्होंने खुलकर विपक्ष के साथ जाने की बात कही है.
पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के तकरीबन 100 सांसदों ने आठ मार्च को पाकिस्तान में नेशनल असेम्बली सचिवालय को अविश्वास प्रस्ताव दिया था. जिसमें उनका आरोप था कि कि इमरान नीत पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ सरकार देश में आर्थिक संकट और मुद्रास्फीति के लिए जिम्मेदार है.
क्रिकेट से राजनीति में कदम रखने वाले इमरान को हटाने के लिए विपक्ष को 342 सदस्यीय नेशनल असेंबली में 172 वोटों की जरूरत है. जबकी इमरान की पार्टी के सदन में 155 सदस्य हैं और सरकार में बने रहने के लिए उन्हें कम से कम 172 सांसदों की आवश्कता है. उनकी पार्टी बहुमत के लिए कम से कम छह राजनीतिक दलों के 23 सदस्यों का समर्थन ले रही है.