
केंद्रीय बजट में आयुष मंत्रालय में रिसर्च को बढ़ावा देने औऱ किफायती आयुष सेवाओं का विस्तार करने के लिए राज्यों के साथ मिलकर के आयुष को बल देने और पूर्वोत्तर क्षेत्रों में आयुष के विकास करने के लिए मंत्रालय को 3,050 करोड़ का बजट आवंटित हुआ है. बता दें बीते वित्तीय वर्ष के लिए यह करीब 2,660 करोड़ रुपए था. पिछले 7 सालों में आयुष के बजट को करीब 4 गुना बढ़ाया गया है.
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आयुष मंत्रालय में रिसर्च को बढ़ावा देने के लिए सबसे बड़ा बजट दिया गया है. इस बजट में आयुष के तीन प्रमुख अनुसंधान परिषदों को कुल 682 करोड़ का तोहफा दिय गया है. इसमें केंद्रीय आयुर्वेदिक विज्ञान अनुसंधान परिषद को 358.50 करोड़, केंद्रीय होम्योपैथी अनुसंधान परिषद को 143.70 करोड़ और केंद्रीय यूनानी चिकित्सा अनुसंधान परिषद को 175.80 करोड़ दिए गए हैं.
बजट 2022 से आयुर्वेदिक चिकित्सा तरीकों के लीगलाइजेशन के लिए वैज्ञानिक रिर्सच शुरू करेंगे. जिससे नई औषधियों की रिसर्च, उसका सर्वेक्षण, उसके रिसर्च को बढ़ावा मिलेगा. इसके जरिए औषधीय पादप अनुसंधान, चिकित्सा-नृजातीय वानस्पतिक सर्वेक्षण, औषधीय मानकीकरण और अनुसंधान के रिसर्च के पब्लिकेशन को नई दिशा मिलेगी।
बजट 2022 में आयुष मंत्रालय की सेन्ट्रल सेक्टर स्कीमों को पंख देते हुए 306 करोड़ का बजट दिया है साथ ही इसमें सबसे ज्यादा फोकस मंत्रालय की लोक कल्याणकारी योजनाओं पर किया गया है. जिससे जनता को आयुर्वेद और पारम्परिक चिकित्सा का भरपूर लाभ मिले. पिछली बार इस मंत्रालय के लिए 235 करोड़ का बजट दिया गया था.
बजट में इस बार पूर्वोत्तर क्षेत्रों के विकास के लिए और राज्य सरकार को दी जाने वाली सहायता राशि में भी काफी ज्यादा बढ़ोतरी हुई है. पिछली बार जहां पूर्वोत्तर क्षेत्र के बजट में 102.47 करोड़ रुपए दिए गए थे, वहीं इस बार राशि को बढ़ाकर 181.97 कर दिया गया है. इसी तरह राज्य सरकारों को दी जाने वाली सहायता राशि को बढ़ाकर 610 करोड़ कर दिया गया है, जबकि पिछली बार यह धनराशि 422.40 करोड़ थी.
विश्व के पहले WHO ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन की स्थापना देश में की जा रही है. यह पारंपरिक चिकित्सा के लिए विश्व का पहला और एकमात्र ग्लोबल सेंटर होगा. इसका सीधा असर देश में पारंपरिक औषधि सेक्टर के निवेश में देखने को मिलेगा. केंद्रीय बजट में इस सेंटर के लिए भी पर्याप्त बजट का प्रावधान किया गया है.
इस बार बजट में राष्ट्रीय आयुष मिशन के तहत आयुष अस्पतालों और औषधालयों के विस्तार के लिए 800 करोड़ अलॉट किए गए हैं ताकि किफायती आयुष सुविधाएं लोगों तक पहुंचाई जा सकें. साथ ही, अस्पतालों को आधुनिक करने के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर किया जा सकेगा.
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