'गजवा-ए-हिन्द' के सपने को साकार कर रहा PFI, NIA की पहली चार्जशीट में साजिश का पर्दाफाश

भारत में सरकार ने कड़ा रूख दिखाते हुए पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) को बैन कर रखा है लेकिन जमीन पर कई राज्यों से उसकी गतिविधियां अभी भी चल रही है, उसे फंडिंग भी लगातार मिल रही है। NIA ने इस साजिश का पर्दाफाश करते हुए पहली चार्जशीट दायर कर दी है।
'गजवा-ए-हिन्द' के सपने को साकार कर रहा PFI, NIA की पहली चार्जशीट में साजिश का पर्दाफाश

भारत में PFI पर टेरर लिंक के सबूत मिलने के बाद सरकार ने कड़ा रूख दिखाते हुए पीएफआई पर प्रतिबंध लगा रखा है लेकिन जमीन पर कई राज्यों से उसकी गतिविधियां अभी भी चल रही है। साथ ही उसे लगातार फंडिंग भी मिल रही है।

इस बीच खबर आई थी कि देश के बड़े वर्ग के अनुसार ‘गजवा-ए-हिन्द’ की परिकल्पना लेकर चलने वाला पीएफआई, भारत को इस्लामिक देश बनाने का ख्बाव देखता है। गजवा-ए-हिन्द का मकसद पूरे देश में आतंकवादी पैदा करना है, जो हिन्दुओं के मंदिरों, उनकी आस्था के साथ खिलवाड़, धर्मपरिवर्तन, अवैध मस्जिदों का निर्माण करना और हिन्दुओं के ‘सर तन से जुदा’ कर सकें। अब उसी मामले में जांच एजेंसी NIA ने अपनी चार्जशीट दायर कर दी है। PFI के ही दो सदस्यों को इस मामले में आरोपी बनाया गया है।

'गजवा-ए-हिन्द' के सपने को साकार कर रहा PFI, NIA की पहली चार्जशीट में साजिश का पर्दाफाश
मुस्लिमों को भड़काना, नफरत और उगाही- पीएफआई पर क्यों लगा बैन, जानें 10 प्वाइंट्स में

सूत्रों के अनुसार, पिछले साल सितंबर में PFI ने एक बड़ी साजिश रचा थी। उस साजिश के तहत अलग-अलग समुदायों के बीच नफरत पैदा करने की कोशिश थी। इसके साथ  PFI का देश में कई जगहों पर हिंसा, दंगा और हत्याओं में नाम आता रहा है। इसकी ओर से युवाओं को भड़काने का काम और मुस्लिम समुदाय को भड़काने का काम किया जा रहा था। भारत विरोधी कई बड़ी गतिविधियों में भी PFI की संलिप्तता पाई गई। यहां तक की सीएए-एनआरसी के विरोध में दिल्ली के शाहीन बाग में दिए गए धरने व दिल्ली हिंसा में पीएफआई की भूमिका पाई गई।

ये सब कर पीएफआई गजवा-ए-हिन्द की परिकल्पना को पूरा करना चाहता है जिसमें भारत को 2047 तक इस्लामिक राष्ट्र बनाने की तैयारी थी। इस मामले में जांच एजेंसी ने मोहम्मद आसिफ और सादिक सरफ को आरोपी बनाया है। ये दोनों ही आरोपी ना सिर्फ मुस्लिम युवाओं को ट्रेनिंग दे रहे थे, बल्कि ट्रेनिंग कैंप भी लगातार आयोजित करवा रहे थे।

'गजवा-ए-हिन्द' के सपने को साकार कर रहा PFI, NIA की पहली चार्जशीट में साजिश का पर्दाफाश
कैसे गजवा-ए-हिन्द के एजेंडे को चलाता है पीएफआई? इस बारे में क्या लिखता है विदेशी मीडिया?

इन आरोपियों और इस संगठन का एक ही काम था कि मुस्लिम युवाओं में ये डर पैदा कर देना कि इस्लाम खतरे में है। उस डर के जरिए ही ये अपनी दुकान चलाना चाहते थे। देश को बांटने की तैयारी कर रहे थे। उसी कड़ी में 2047 तक इस्लामिक राष्ट्र बनाने की बात भी की जा रही थी।

NIA ने इस साजिश का पर्दाफाश करते हुए पहली चार्जशीट भी दायर कर दी है। NIA इस समय एक नहीं बल्कि कई मामलों में अपनी जांच कर रही है। कुछ दिन पहले ही जांच एजेंसी ने PFI के हवाला नेटवर्क का खुलासा किया था। उस मामले में पांच आरोपियों की गिरफ्तारी भी हुई थी।

'गजवा-ए-हिन्द' के सपने को साकार कर रहा PFI, NIA की पहली चार्जशीट में साजिश का पर्दाफाश
हिंदुओं के खिलाफ जहर उगल रहे कुछ विदेशी मीडिया संस्थान और पत्रकारों का सच

पटना के फुलवारी शरीफ से पाक आतंकी मरगूब अहमद की गिरफ़्तारी के बाद से कई नए खुलासे हुऐ थे। उसके बावजूद फुलवारी शरीफ से उन्होंने ऐलान कर रखा था कि हर हालत में पीएफआई का काम रुकना नहीं चाहिए और फंडिंग भी लगातार होती रहनी चाहिए।

यह भी आरोप लगाया गया कि इन लोगों ने बिहार के चंपारण में एक जाति विशेष के व्यक्ति को मारने के लिए हथियारों का इंतजाम किया था। इसी मामले में पिछले महीने भी तीन आरोपी पकड़े गए थे, फिर पांच और पकड़े गए थे। अब यह आंकड़ा 8 तक पहुंच गया है।

'गजवा-ए-हिन्द' के सपने को साकार कर रहा PFI, NIA की पहली चार्जशीट में साजिश का पर्दाफाश
कैसे गजवा-ए-हिन्द के एजेंडे को चलाता है पीएफआई? इस बारे में क्या लिखता है विदेशी मीडिया?

Related Stories

No stories found.
logo
Since independence
hindi.sinceindependence.com