Rajasthan Assembly Elections Result 2023: राजस्थान में विधानसभा चुनाव के लिए वोटों की गिनती रविवार 3 दिसंबर को होगी।
मतगणना की सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली गई है। वोटों की गिनती सुबह 8 बजे से शुरू हो जाएगी।
पहले पोस्टर बैलेट की गिनती होगी उसके बाद ईवीएम के वोटों की गिनती होगी। मतगणना से एक दिन पहले शनिवार को राजस्थान के मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने जयपुर में प्रेस कॉफ्रेंस कर काउंटिंग के बारे में जानकारियां दी।
मतगणना की तैयारी पूरी हो चुकी है। 33 जिलों के 36 जगहों पर वोटों की गिनती होगी। सभी जगहों पर मतगणना जिला निर्वाचन पदाधिकारी के निर्देशन में होगी।
सुबह 8 बजे से वोट गिने जाएंगे। सबसे पहले 8 बजे से पोस्टल बैलेट की गिनती होगी. 08:30 से ईवीएम की गणना होगी।
51890 बूथ की गणना होगी. प्रत्येक 500 पोस्टल बैलट पर एक अलग टेबल होगा। प्रत्येक राउंड के बाद दो टेबल पर रैंडम चेकिंग होगी। हर टेबल पर 2 कर्मचारी होंगे। कुल 2552 टेबल होंगे।
ईवीएम में दिक्कत आने पर वीवीपैट की पर्चियां गिनी जाएंगी। सभी राउंड की गिनती के बाद रिकाउंटिंग के लिए लिखित में आवेदन देना होगा।
RO की सहमति से पुनर्मतगणना होगी। काउंटिंग सेटरों पर 3 स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई है। 40 सीएपीएफ कंपनियां ईवीएम की सुरक्षा कर रही हैं। सुबह 9:15 बजे तक पहले राउंड का रुझान आएगा।
पीसी में मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि चुनाव के लिए जिला मजिस्ट्रेट ने धारा 144 लगा रखी है। आदर्श आचार संहिता 5 तारीख तक लागू है।
ऐसे में 5 दिसंबर तक विजय जुलूस आदि पर प्रतिबंध है। ऐसे में यदि कोई विधायक जीत के बाद विजय जुलूस निकालता है तो वो कानूनी पचड़े में पड़ सकता है।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी गुप्ता ने बताया कि 199 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों के लिए सभी 36 केंद्रों पर मतगणना के लिए 1121 ARO की ड्यूटी लगाई गई है, राज्य में जयपुर, जोधपुर एवं नागौर में दो-दो केंद्रों पर और शेष 30 निर्वाचन जिलों में एक-एक केंद्र पर वोटों की गिनती की जाएगी।
राजस्थान में 199 विधानसभा सीटों पर हुए मतदान में कुल 1862 उम्मीदवार अपना चुनावी किस्मत आजमा रहे हैं।
इन सभी के किस्मत का फैसला कर हो जाएगा। राज्य में मुख्य मुकाबला सत्तारूढ़ कांग्रेस व मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी में माना जा रहा है।
राजनीतिक गलियारों में इस चुनाव को सरकार और 'रिवाज' बदलने की लड़ाई के रूप में देखा जा रहा है।
बीते कुछ दशकों में, परंपरागत रूप से राज्य में हर विधानसभा चुनाव में राज यानी सरकार बदल जाती है। एक बार कांग्रेस एक बार भाजपा।
भाजपा को बाकी बातों के अलावा इस 'रिवाज' से बड़ी उम्मीद है। जबकि सत्तारूढ़ कांग्रेस उम्मीद कर रही है कि इस बार यह 'रिवाज' बदलेगा और दोबारा उसकी सरकार बनेगी।
30 नवंबर को आए चुनाव बाद के पूर्वानुमानों के बाद सत्तारूढ़ कांग्रेस व मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी, दोनों को सरकार बनाने की उम्मीद है। जहां अधिकांश एग्जिट पोल ने राज्य में भाजपा को बढ़त मिलने की भविष्यवाणी की है, तीन एग्जिट पोल ने कांग्रेस की जीत की भविष्यवाणी की है।
रविवार को मतगणना से यह स्पष्ट हो जाएगा कि मतदाताओं ने अशोक गहलोत सरकार के कामकाज, उसकी चर्चित लोककल्याणकारी योजनाओं तथा सात गारंटी के वादे पर भरोसा जताया या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'जादू' और भाजपा के हिंदुत्व के एजेंडे ने उन्हें प्रभावित किया।