
Rajasthan Election 2023: विधानसभा चुनाव में पार्टी से बगावत कर चुनाव मैदान में कूदे नेताओं को मैदान से हटने के लिए कांग्रेस के प्रमुख नेताओं की ओरसे दिए गए प्रलोभन अब सामने आने लगे हैं।
बागी और असंतुष्ट नेताओं को संगठनात्मक नियुक्तियों में एडजस्ट कर संतुष्ट करने का प्रयास किया गया है।
हैरत की बात तो ये है कि बागी और असंतुष्ट नेताओं को सीधे ही प्रदेश कांग्रेस में उपाध्यक्ष, महामंत्री और सचिव नियुक्त करने के नियुक्ति पत्र सौंपे गए हैं।
प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा के लेटरहैड पर चुनाव मैदान हटे नेताओं को ये नियुक्तियां दी गई हैं जो सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बनी हुई है।
चर्चा इस बात है कि जयपुर शहर कांग्रेस के अध्यक्ष रहे प्रताप सिंह खाचरियावास भी इसी तरह के नियुक्तियों के लिए जाने जाते थे।
इधर अकेले जयपुर जिले में करीब एक दर्जन बागी और असंतुष्ट नेताओं को संगठनात्मक नियुक्तियों में एडजस्ट किया गया है। व
हीं जिन बागियों का संगठनात्मक नियुक्तियों में दिलचस्पी नहीं हैं, उन्हें सरकार बनने के बाद राजनीतिक नियुक्तियों में एडजस्ट करने का वादा किया गया है।
इधर चुनाव मैदान से हटे बागी और असंतुष्ट नेताओं को प्रदेश कांग्रेस में संगठनात्मक नियुक्तियां दिए जाने से उन नेताओं की पीड़ा बाहर आने लगी जिन्होंने टिकट नहीं मिलने के बावजूद भी पार्टी के साथ रहे और बगावत नहीं की।
शाहपुरा से टिकट मांग रहे संदीप चौधरी को प्रदेश कांग्रेस का उपाध्यक्ष बनाया गया है। टिकट नहीं मिलने पर उनकी नाराजगी बाहर आई थी।
संगीता गर्ग ने मालवीय नगर से टिकट के लिए दावेदारी की थी, लेकिन टिकट नहीं मिलने पर अंदरखाने नाराजगी थी अब उन्हें प्रदेश महामंत्री बनाया गया है।
दीपक डंडोरिया बगरू से टिकट मांग रहे थे, टिकट नहीं मिलने पर निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ने की बात कही थी। तब प्रभारी रंधावा ने मनाया था अब इन्हें भी प्रदेश कांग्रेस में महामंत्री मनाया गया है।
गिरीश पारीक हवामहल से टिकट नहीं मिलने पर निर्दलीय प्रत्य़ाशी के तौर पर नामांकन भरा। मुख्यमंत्री गहलोत की समझाइश पर चुनाव मैदान से हटे थे। अब पारीक को भी प्रदेश कांग्रेस का महामंत्री नियुक्त किया गया है।
राकेश मीणा आमेर से टिकट नहीं मिलने पर निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन भरा, पार्टी नेताओं के समझाने पर चुनाव मैदान से हटे अब प्रदेश कांग्रेस का सचिव बनाया गया।
राजीव त्रेहन लंबे समय से कांग्रेस में सक्रिय, उपेक्षा को लेकर लंबे समय से नाराजगी थी अब सचिव नियुक्त किया गया।
आम आदमी पार्टी की प्रदेश प्रवक्ता थीं, आदर्श नगर से आप की टिकट पर चुनाव लड़ने की तैय़ारी चल रही थी।
क्षेत्रीय विधायक रफीक खान ने पारिवारिक मामलों को हवाला देकर चुनाव नहीं लड़ने के लिए समझाया। कांग्रेस में सदस्य भी नहीं फिर प्रदेश कांग्रेस की सचिव नियुक्त की गईं।