
राजस्थान में विधानसभा चुनाव 25 नवंबर को होने जा रहा है। इस बीच सियासी हलचल तेज हो गई है। सारे प्रदेश में चुनाव की सुगबुगाहट देखी जा सकती है, लेकिन मारवाड़ में चुनाव का माहौल काफी ठंड़ा बना हुआ है।
गर्माहट सिर्फ चुनावी योद्धाओं के मन में है। जो विधायक का तमगा लेकर उतरे हैं, उन्हें व्यवहार-अनदेखी के चलते अपनों यानी कार्यकर्ताओं और समर्थकों के भितरघात का डर सता रहा है।
6 विधायकों को जहां अपनों से खतरा है वहीं 12 सीटों पर अन्य खेल बिगाड़ सकते हैं। जातीय समीकरण तो पक्ष में दिख रहे हैं, लेकिन इसमें भी सेंध लग रही है।
जोधपुर की 10 सीटों में सर्वाधिक चर्चा ओसियां की है। इसकी वजह दिव्या के तीखे तेवर है। पकोड़ों के लिए फेमस ओसियां की जीवनजी की दुकान पर ओमाराम बोले- सब ठीक है, लेकिन उनका व्यवहार मुसीबतें खड़ी कर रहा है।
इससे कई कार्यकर्ता नाराज हैं। जातीय समीकरण भी उलझा हुई है। भाजपा प्रत्याशी भैराराम सियोल ने झोली फैलाकर राजपूत समाज का समर्थन हासिल कर लिया है।
पिछली बार की हुई गलतियों की वजह से विश्नोई समाज का झुकाव सियोल की तरफ बना हुआ है। बता दें कि दोनों प्रत्याशी जाट होने से समाज भी कन्फ्यूज है।
दिव्या के खिलाफ मुखर रहने वाले हनुमान बेनीवाल ने प्रत्याशी नहीं उतारकर चौंका दिया है, लेकिन चर्चा है कि ये पूरा गेम सियोल के समर्थन में है। लूणी में कांग्रेस के महेंद्र विश्नोई को भी अपनों की नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है।
वहीं लोहावट में किसनाराम की छवि उनके लिए चुनौती बन रही है। सरदारपुरा, सूरसागर, शहर व शेरगढ़ में कांग्रेस-भाजपा में सीधी टक्कर है। इसी के साथ ही लोहावट, फलोदी, भोपालगढ़ व बिलाड़ा में बागी व अन्य दल भाजपा-कांग्रेस के समीकरण बिगाड़ सकते हैं।
भाजपा प्रत्याशी ज्योति मिर्धा और आरएलपी सुप्रीमों हनुमान में जबानी लड़ाई चर्चा में है। 10 में से 6 सीटों पर त्रिकोणीय व 4 पर सीधा मुकाबला नजर आ रहा है।
आरएलपी अधिकांश सीटों पर कांग्रेस-भाजपा का समीकरण बिगाड़ रही है। जैसलमेर में मौजूदा विधायक रूपाराम धणदे और फकीर परिवार में छत्तीस का आंकड़ा जग जाहिर है।
टिकट बदलने की नाकाम कोशिश के बीच धणदे टिकट लेकर आए, लेकिन मुस्लिम वोटों का साथ नहीं मिल रहा। पोकरण में विधायक सालेह मोहम्मद और भाजपा के महंत प्रतापपुरी के बीच टक्कर है।
ऐसे कयास लगाये जा रहे है कि मुस्लिम समाज का झुकाव महंत की ओर है। इसे देखते हुए उन्होंने यूपी के सीएम योगी की सभा कराने से मना कर दिया है।