Defence

तीनों सशस्त्र सेनाएं कोरोना के खिलाफ जंग में उतरी, आर्मी चीफ ने पीएम मोदी को तैयारियों की जानकारी दी

Manish meena

सीडीएस और वायु सेना प्रमुख से मिलने के बाद, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे से मुलाकात की और सेना द्वारा कोविड के खिलाफ युद्ध में राज्य सरकारों की मदद के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त की।सेना प्रमुख बुधवार को अपनी दो दिवसीय पूर्वी लद्दाख यात्रा से दिल्ली लौटे। जानकारी के अनुसार, जनरल नरवणे ने सेना द्वारा तैयार किए जा रहे कोविड अस्पताल और सैन्य अस्पताल में नागरिकों के इलाज के बारे में पीएम को जानकारी दी।

कई शहरों में काम कर रही भारतीय सेना

सेना के मुताबिक, डीआरडीओ के राजधानी दिल्ली और गुजरात स्थित कोविड हॉस्पिटल्स में आर्म्ड फोर्सेज़ मेडिकल सर्विस के डॉक्टर

और पैरामेडिकल स्टाफ के अलावा, गुरुवार को ही सेना ने महाराष्ट्र के पुणे में ओल्ड कमांड हॉस्पिटल कॉम्पलेक्स में कोविड केयर

फैसेलिटी शुरू की है।

इस फैसेलिटी को सिविलियन मरीजों के लिए शुरू किया गया है काफी संख्या में यहां कोविड से ग्रस्त मरीजों का

इलाज किया जा सकता है।

इस फैसेलिटी में थलसेना के ही डॉक्टर्स और नर्सिंग-स्टाफ हैं.

सेना ने राजस्थान के बाडमेर में 100 बिस्तरों की एक आईसोलेशन सुविधा भी तैयार की है

इसके अलावा, सेना ने राजस्थान के बाडमेर में 100 बिस्तरों की एक आईसोलेशन सुविधा भी तैयार की है।

भोपाल में 150 बेड का कोविड केंद्र भी स्थापित किया गया है।

मध्यप्रदेश के ग्वालियर और सागर में प्रत्येक में 40 बेड की दो सुविधाएँ भी तैयार की गई हैं,

जहाँ कोविड से पीड़ित सामान्य रोगियों का इलाज किया जा सकता है।

इसके अलावा रांची के नमकुम मिलिट्री हॉस्पिटल में 50 बेड कि कोविड की सुविधा भी शुरू हो गई है।

सेना ने बेस अस्पताल को कोविड अस्पताल में पूरी तरह से बदल दिया है

कोरोना के खिलाफ जंग में, भारतीय सेना ने राजधानी दिल्ली में बेस अस्पताल की क्षमता 340 से बढ़ाकर 650 कर दी है, जिसमें 450 बेड पर ऑक्सीजन की सुविधा है। आईसीयू बेड की संख्या भी 12 से बढ़ाकर 35 कर दी गई है। सेना ने इस बेस अस्पताल को कोविड अस्पताल में पूरी तरह से बदल दिया है, जबकि अन्य बीमारियों से पीड़ित सैनिकों, पूर्व सैनिकों और परिवार के सदस्यों का इलाज रिसर्च एंड रेफरेल में किया जा सकता है।

सेना के अनुसार, भारतीय सेना संकट की इस घड़ी में न केवल ऑपरेशनल चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार है, बल्कि वह अपने नागरिक भाइयों और बहनों की हरसंभव मदद करने के लिए भी पूरी तरह से तैयार है

आपको बता दें कि बुधवार को सेना प्रमुख पूर्वी लद्दाख के दो दिवसीय दौरे से लौट आए हैं। अपनी यात्रा के दौरान, जनरल नरवणे ने एलएसी की स्थिति की समीक्षा की और लेह में 14 वीं वाहिनी की परिचालन तैयारियों की समीक्षा की। क्योंकि पिछले साल कोरोना महामारी की शुरुआत में, चीन ने एलएसी के कई क्षेत्रों में घुसपैठ करने की कोशिश की थी, जिसके कारण दोनों देशों के बीच युद्ध की स्थिति निर्मित हुई थी।

नौसेना और वायु सेना भी लोगों की सेवा में लगी है

इस बीच, नौसेना ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई शुरू कर दी है। नौसेना के मुंबई स्थित पश्चिमी कमान ने गुजरात में स्थानीय प्रशासन की मदद के लिए मुंबई, गोवा और कारवार सहित गुजरात में स्थानीय प्रशासन की मदद के लिए जगह जगह अस्पताल खोल दिए हैं।नौसेना के प्रवक्ता, कमांडर विवेक मधवाल के मुताबिक, कमान के अंतर्गत तीनों अस्पताल—गोवा में आईएनएचएस जीवंती, कारवार में आईएनएचएस पतंजलि और मुंबई में आईएनएचएस संधनी में कोविड ऑक्सीजन बेड्स तैयार किए गए हैं, जिन्हें राज्यें सरकारें सिविलियन मरीजों के लिए इस्तेमाल कर सकती हैं।

नौसेना के अनुसार, अप्रवासी मजदूरों के लिए मुंबई, गोवा और कारवार परिसरों में खाने और रहने की व्यवस्था की गई है ताकि वे लॉकडाउन में अपने पैतृक घर न लौटें।इसके अलावा, नौसेना ने गुजरात सरकार को किसी भी तरह की दवाएं और चिकित्सा उपकरण या सामुदायिक-रसोई खोलने का भी प्रस्ताव दिया है।

गुरूवार को भी भारतीय वायुसेना विदेशों से खाली ऑक्सीजन कंटनेर एयरलिफ्ट में करने जुटी रही। वायुसेना के मुताबिक, गुरूवार को 3 कंटनेर बैकांक से, 3 ही सिंगापुर से और 06 कंटनेर दुबई से अलग-अलग सी17 ग्लोबमास्टर एयरक्राफ्ट लेकर आ रहे हैं।

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