आगामी समय में उत्तरप्रदेश के साथ 4 और राज्यों में विधानसभा चुनाव है. जिसे लेकर सभी पार्टीयां अपनी-अपनी तैयारी कर रही है. इसी बीच मुलायम सिंह यादव के स्मृति ईरानी के पैर छूते हुए का विडियो वायरल हो रहा है. दरअसल, जब सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव संसद भवन से बाहर आ रहे थे, उसीस समय वहां से स्मृति ईरानी भी गुजर रही थीं. दोनों नेताओं की मुलाकात हुई, स्मृति ईरानी ने हाथ जोड़कर उनका अभिवादन किया. इसके बाद मुलायम सिंह यादव के पैर हुए. आशीर्वाद के रुप में मुलायम ने उनके सिर पर हाथ रखा.
इस घटना को सियासी गलियारे में दिल्ली से यूपी चुनाव तक यादवों को एक बड़ा संदेश देने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है.
इस वक्त सभी पार्टीयो के साथ बीजेपी की और से केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी यूपी विधानसभा चुनाव में सक्रिय है. राजनीतिक एक्सपर्ट ये मान रहे है कि स्मृति ईरानी मुलायम सिंह से आशीर्वाद लेकर यादव वोट बैंक को साधने की कोशिश कर रही हैं.
इस मुद्दे पर एक वरिष्ठ पत्रकार बताते हैं कि आशीर्वाद की तस्वीर सामने आने का मतलब साफ है कि 2014, 2017 और 2019 में भारतीय जनता पार्टी के साथ जो यादव वोट बैंक खड़ा था, वह मुलायम सिंह के सम्मान को देखते हुए भाजपा के साथ जुड़ा रहे इसके सियासत में बड़े मायने हैं.
एक वरिष्ठ पत्रकार कहते हैंमुलायम सिंह यादव शुरू से भाजपा और मोदी की तारीफ करते हुए देखे गए हैं
साल 2019, संसद का अंतिम सत्र चल रहा था. बोलने की बारी जब मुलायम सिंह की आई तो उन्होंने PM मोदी को दूसरी बार पीएम बनने का आशीर्वाद देकर वहा मौजूद सभी सदस्यों को चौंका दिया.
मुलायम सिंह यादव ने कहा थासाल 2019, संसद का अंतिम सत्र चल रहा था. बोलने की बारी जब मुलायम सिंह की आई तो उन्होंने PM मोदी को दूसरी बार पीएम बनने का आशीर्वाद देकर वहा मौजूद सभी सदस्यों को चौंका दिया.
कहा जाता है कि स्मृति ईरानी ने अमेठी पर कब्जा करने के लिए खूब मेहनत की थी. 2014 में राहुल गांधी से हारने के बाद भी स्मृति ने अमेठी को नहीं छोड़ा. उनका यहां आना जाना लगा रहा और उनकी मेहनत रंग लाई और 2019 में राहुल गांधी को हराकर वे अमेठी से सांसद बनीं. इसके साथ ही उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह मिली.
कहा जाता है की एक समय अमेठी में गांधी परिवार का कब्जा था साथ ही संसदीय सीट पर तो गांधी परिवार का कब्जा 2014 तक रहा, लेकिन अपने अतिविश्वास के कारण विधानसभा सीटों पर पकड़ कम होती गई. जिसके बाद यहां सपा, बसपा और भाजपा को जीत मिलती रही है. हालात ऐसे हुए की 2017 में कांग्रेस यहां 0 हो गई है. जबकि भाजपा को 3 सीट और सपा को एक सीट पर जीत हासिल हुई.
मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव ने 19 जनवरी को भाजपा का दामन थाम लिया था. उसके बाद वे पहली बार ससुराल पहुंची और ससुर मुलायम सिंह से आशीर्वाद लिया. बदले में मुलायम सिंह ने अपर्णा को मिठाई खिलाई थी.
अपर्णा ने खुद ही सोशल मीडिया पर तस्वीर की शेयर'भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता लेने के पश्चात लखनऊ आने पर पिताजी/नेताजी से आशीर्वाद
इस तस्वीर को इशारो-इशारों में अखिलेश यादव का जवाब माना जा रहा है. अपर्णा के भाजपा में जाने के बाद अखिलेश यादव ने एक सवाल के जवाब में कहा था कि नेताजी (मुलायम सिंह यादव) ने अपर्णा को समझाया था, लेकिन वह नहीं मानीं. हालांकि अपर्णा यादव ने कहा था कि वह नेताजी और बड़ों का आशीर्वाद लेकर आई हैं.