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America: गीता पर हाथ रख शपथ लेने वाली हिंदू महिला सांसद ने दिया डेमोक्रेटिक पार्टी से इस्तीफा, नस्लभेद का लगाया आरोप

अमेरिका में डेमोक्रेटिक पार्टी से पहली हिंदू महिला सांसद तुलसी गबार्ड ने जो बायडेन वाली पार्टी पर कायरता से प्रेरित व नस्लवाद का आरोप लगाते हुए इस्तीफा दे दिया है।

Lokendra Singh Sainger

अमेरिकी राष्ट्रपति पद की पूर्व उम्मीदवार तुलसी गबार्ड ने मंगलवार को घोषणा की है कि, वह डेमोक्रेटिक पार्टी छोड़ रही हैं। उन्होंने डेमोक्रेटिक पार्टी पर देश में हर मुद्दे पर नस्लभेदी करने का आरोप लगाया है। गबार्ड ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट किए गए लगभग 30 मिनट के वीडियो में यह घोषणा की।

अमेरिका की पहली हिंदू महिला सांसद तुलसी गबार्ड ने डेमोक्रेटिक पार्टी पर गंभीर आरोप लगाते हुए डेमोक्रेटिक पार्टी छोड़ने की घोषणा की है। उन्होंने मंगलवार 11 अक्टूबर को अपने ट्विटर हैंडल पर एक वीडियो में डेमोक्रेटिक पार्टी छोड़ने की बात कही।

तुलसी ने ट्वीट के करते हुए लिखा, “मैं अब डेमोक्रेटिक पार्टी में नहीं रह सकती। यह पार्टी कायरता से प्रेरित है, जो देश के हर मुद्दे को नस्लीय बनाकर हमें बांटते हैं। वर्तमान में डेमोक्रेटिक पार्टी कुछ एलीट लोगों के कंट्रोल में है। ये जंग की बातें करते हैं और श्वेत-विरोधी नस्लवाद को भड़काते हैं। अगर इस पार्टी में कुछ ऐसे लोग भी हैं, जो मेरे विचारों से इत्तेफाक रखते हैं, तो उन्हें भी तत्काल यह पार्टी छोड़ देनी चाहिए।”

अमेरिका में लोगों की बुनियादी स्वतंत्रता को कमतर आँकने वाली डेमोक्रेटिक पार्टी की आलोचना करते हुए गबार्ड ने आगे कहा, “मैं एक ऐसी सरकार में विश्वास करती हूँ, जो लोगों के लिए हो। लेकिन आज की डेमोक्रेटिक पार्टी इन मूल्यों को दरकिनार कर रही है। यह एक शक्तिशाली अभिजात वर्ग की सरकार बन गई है।”

तुलसी ने अभी तक किसी अन्य पार्टी में शामिल होने के बारे में किसी भी तरह की जानकारी नहीं दी है। अमेरिका में डेमोक्रेटिक पार्टी वो राजनीतिक पार्टी है, जिससे हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बायडेन को चुना गया।

तुलसी अमेरिका में कांग्रेस से चुनी गई वहीं पहली हिंदू महिला सांसद है, जिन्होंने 2013 में पवित्र भगवद गीता पर हाथ रखकर पद एवं गोपनीयता की शपथ ली थी। तुलसी को प्रतिनिधि सभा के स्पीकर जॉन बोहनर ने शपथ दिलाई थी।

दो साल पहले हिंदू स्टूडेंट्स काउंसिल की ओर से आयोजित वर्चुअल कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा था कि ऐसे माहौल में कोई भी विश्वास के साथ यह नहीं कह सकता है कि कल क्या होगा? इन हालातों में भक्ति, योग और कर्म योग के अभ्यास से ताकत और शांति प्राप्त कर सकते हैं। यह भगवान कृष्ण ने भगवद गीता में सिखाया है।

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