एक बार फिर आमिर खान ने हिंदूओं को अपमानित करने का काम किया है हाल ही में एयू के प्रमोशनल ऐड में आमिर-कियारा शादीशुदा जोडे के रूप में नजर आ रहे हैं।
इस ऐ़ड में आमिर, कियारा से कहते हैं, 'ये पहली बार है जब विदाई में दुल्हन रोई नहीं।' इस विज्ञापन में सामान्य प्रथा से अलग दूल्हा, दुल्हन के घर रहने जाता है, ताकि दुल्हन के बीमार पिता की देखभाल हो जाए। इस दौरान रियल लाइफ में जिस तरह दुल्हन घर में पहला कदम रखती है, उसी तरह इस ऐड में आमिर घर पहला कदम रखकर प्रवेश करते हैं। वहीं सारे मेहमान आमिर का धूमधाम से स्वागत करते हैं।
फिर आमिर एक बैंक में दिखाई देते हैं और हिंदी में कहते हैं, “सदियों से चली आ रही परंपराएं क्यों चलती रहें? इसलिए हम हर बैंकिंग परंपरा पर सवाल उठाते हैं। ताकि आपको बेहतरीन सेवा मिले।” इसे लेकर यूजर्स ट्रोल कर रहे हैं और इससे सामाजिक भावनाओं के आहत होने की बात कह रहे हैं। और हो भी क्यूं ना।
वहीं इंसान है जिसे इस देश में रहने में ड़र लगता है और ज्यादा जोर डालोगे तो याद आयेगा कि, ये वहीं है जिनकी फिल्म बॉक्स ऑफिस पर धडाम हो गयी थी। फिर भी ये समझ नहीं रहे है।
ये अपनी जिंदगी के मणिशंकर अय्यर बने फिर रहे है, मणिशंकर जी कांग्रेस ले बैठे और ये अपने करियर को ले बैठेगे।
विवादों की जड़, हिंदू रीति-रिवाज और लगातार हिंदू देवी- देवताओं के प्रति कुण्ठा सोच रखने वाले, कोई फिल्म हो या कोई एड हो, किसी न किसी माध्यम से सनातन धर्म व हिंदुओं के अपमान का एक मौका नहीं छोडते, तो हम भी आखिर इनको उजागर करने में पीछे क्यूं हटे।
इससे पहले आमिर खान की फिल्म लाल सिंह चड्डा आयी थी, जिसको दर्शको के मन में भरे गुस्से ने ट्विटर पर #BOYCOTTLALSINGHCHADDA ट्रेड चलाकर उसे फ्लॉप कर दिया।
क्या हिंदू इतना सॉफ्ट है कि हमेशा क्रियटिव फ्रीड़म के नाम से हिंदुओं को टारगेट किया जाता है। हिंदू रीति- रिवाज और देवी-देवीताओं का मजाक बना दिया जाता है। क्यूं ये कभी तीन तलाक, हलाला जैसी मुस्लिम रिवाजों पर फिल्म बनाने का काम नहीं करते है।