भारतीय वायु सेना ने 90वीं वर्षगांठ पर नई वर्दी का अनावरण किया है। हर साल 8 अक्टूबर को भारतीय वायु सेना अपने योद्धाओं को श्रद्धांजलि देने के लिए वर्षगांठ मनाती है। इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में चंडीगढ़ में एयरफोर्स के विमानों ने आसमान में करतब दिखाये।
2008 के बाद सेना ने अब वर्दी में बदलाव किया है। नई वर्दी में जो बदलाव किए गए हैं, वो कैमोफ्लाज, डिजाइन और कपड़े में किए गए हैं।
नए कैमोफ्लाज में पुराने रंग ही शामिल हैं, लेकिन इसे डिजिटल तरीके से तैयार किया गया है।
इसे तैयार करते समय सैनिकों के काम करने की हर स्थिति को ध्यान में रखा गया है।
वर्दी में इस्तेमाल किया गया कपड़ा इसे पहले की तुलना में हल्का और अधिक मजबूत बनाता है।
सेना की नई वर्दी में 70 बनाम 30 के अनुपात से सूती और पॉलिस्टर का इस्तेमाल किया गया है। यह कपड़ा जल्दी सूखता है और नमी और गर्मी वाली जगहों पर पहनने में ज्यादा आरामदायक होगा।
नई वर्दी में टी-शर्ट के ऊपर एक शर्ट पहनी जाएगी और इसे पैंट के अंदर नहीं डाला जा सकेगा।
इस शर्ट को जैकेट कहा गया है, जिसमें ऊपर और नीचे जेब होगी और पीठ पर चाकू रखने के लिए जगह बनाई गई है। साथ ही इसकी बाईं बाजू पर पेन रखने की जगह और आस्तीन पर जेब होगी।
जैकेट में बेहतर गुणवत्ता वाले बटन इस्तेमाल किए गए हैं। ट्राउजर को एडजेस्टेबल बनाने के लिए बटन और इलास्टिक दिया गया है।
इस वर्दी को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी (NIFT) के 12 लोगों की टीम ने तैयार किया है।
टीम में सात प्रोफेसर, तीन छात्र और दो पूर्व छात्र शामिल थे। सेना के कमांडरों की तरफ से इस वर्दी को मंजूरी दी गई है।
बाजार में ऐसी नकली वर्दियां न बनाई जा सके, इसलिए इसमें बारकोड और QR कोड लगा होगा और ये केवल सेना के कैंटीन में ही मिलेंगी। सेना इसके लिए जल्द ही टेंडर जारी करेगी।
चंडीगढ़ में भारतीय वायुसेना दिवस के मौके पर वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल विवेक राम चौधरी ने कहा कि हम अगले साल से महिला अग्निशामकों को भी शामिल करने की योजना बना रहे हैं। इसके लिए बुनियादी ढांचे का निर्माण प्रगति पर है।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारतीय वायुसेना के लिए एक नई हथियार प्रणाली शाखा को मंजूरी दी गई है। नई शाखा भारतीय वायुसेना में कई हथियार प्रणालियों के लिए जिम्मेदार होगी और इसके परिणामस्वरूप 3,400 करोड़ रुपये से अधिक की बचत होगी। यह अनिवार्य रूप से सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलों, सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों, दूर से संचालित विमान और बहु-चालक विमानों में हथियार प्रणाली ऑपरेटरों की चार विशेष धाराओं के संचालन के लिए होगा।