साभार- आज तक 
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उत्तराखंड सरकार ने धर्मांतरण पर कानून किया सख्त, होगी 10 साल की सजा, लव जिहाद पर अब लगेगी रोक

Uttarakhand News: उत्तराखंड सरकार ने धर्मांतरण कानून को सख्त करते हुए इसे संज्ञेय अपराध में शामिल किया गया है। जिसके तहत अधिकतम 10 साल तक की सजा का प्रावधान होगा। इसके साथ ही सरकार की कैबिनेट बैठक में 29 प्रस्ताव लाए गए।

Lokendra Singh Sainger

उत्तराखंड सरकार की कैबिनेट बैठक में जबरन धर्मांतरण पर रोक लगाने के लिए बड़ा फैसला लिया गया है। कैबिनेट की बैठक में धर्मांतरण कानून में सख्त संशोधन किए गए हैं। जिसके तहत अब से जबरन धर्मांतरण संज्ञेय अपराध होगा। इसके तहत सजा का भी प्रावधान किया गया है। नए कानून में जबरन धर्म परिवर्तन कराने पर 10 साल की सजा का प्रावधान है। इसके बाद धर्मांतरण और 'लव जिहाद' जैसे मामलों पर रोक लगेगी। हाल ही में दिल्ली में श्रद्धा मर्डर केस के बाद अब ये मामला देशभर में फिर से चर्चाओं में है।

शुरू से ही लव जिहाद मामला हर प्रदेश की सरकारों के लिए चिंता का विषय रहा है। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने इस पर चिंता जाहिर की थी। साथ ही उच्च अदालत ने केंद्र सरकार से धर्मांतरण को लेकर हलफनामा दाखिल करने के निर्देश दिए थे। श्रद्धा मर्डर केस के बाद ट्विटर पर लगातार लव जिहाद ट्रेंड कर रहा है।

जबरन धर्मांतरण के खिलाफ उत्तराखंड सरकार सख्त

उत्तराखंड सरकार की बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में 29 प्रस्ताव लाए गए। जिसके तहत अब उत्तराखंड में धर्मांतरण कानून उत्तर प्रदेश से भी ज्यादा सख्त कर दिया गया है। प्रदेश में जबरन धर्मांतरण को संज्ञेय अपराध में शामिल किया गया है। जिसके तहत अधिकतम 10 साल तक की सजा का प्रावधान होगा। कैबिनेट में इस पर मुहर लग गई है। जल्द ही ये विधेयक विधानसभा में लाया जाएगा।

नैनीताल हाईकोर्ट किया जाएगा हल्द्वानी शिफ्ट

इसके अलावा कैबिनेट ने इस बात पर भी मुहर लगाई है कि नैनीताल हाईकोर्ट कोर्ट हल्द्वानी में शिफ्ट किया जाएगा। इस बात की पिछले काफी समय से मांग चल रही थी। इसके अलावा धामी कैबिनेट ने और भी कई अहम मुद्दों पर मुहर लगाई गई है।

इन प्रस्तावों पर लगी मुहर

  • कैबिनेट ने अपणी सरकार पोर्टल के लिए रिक्रूटमेंट प्रस्ताव को मंजूरी दी है।

  • जल विद्युत परियोजनाओं के लिए टीएचडीसी और यूजीवीएनएल के बीच उपकरण बनाए जाएंगे। 

  • उत्तराखंड में 4G मोबाइल कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए मोबाइल टावर के लिए 2000 वर्ग गज भूमि निशुल्क दी जाएगी।

  • सरकार ने नजूल भूमि विधेयक 2021 को वापस लिया गया, संशोधित विधेयक सदन में लाया जाएगा।

  • अग्निशमन नियमावली को कैबिनेट ने अनुमति दी है।

  • उत्तराखंड दुकान और स्थापना विधेयक 2022 को मंजूरी दी गई।

  • कूड़ा फेंकना अधिनियम लागू कर दिया गया है।

  • RWD की राशि को 15 करोड़ से बढ़ाकर असीमित किया गया।

  • सरकार ने एडिशनल सब इंस्पेक्टर के पद को 4200 ग्रेड पे के साथ स्वीकृत किया गया।

  • केदारनाथ धाम में ॐ मूर्ति की स्थापना होगी।

इनके अलावा श्रीनगर नगर निगम और नगर पालिका विवाद को लेकर सब कमेटी का गठन किया गया है। शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल इस कमेटी के अध्यक्ष होंगे। जबकि कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत और चंदन रामदास कमेटी में सदस्य के तौर पर शामिल होंगे। जमरानी बांध परियोजना में पुनर्वास प्रस्ताव मंजूर हुआ है जिसके तहत 1323 परिवारों का पुनर्वास होना है।

उत्तराखंड सरकार के इन फैसलों की इस वक्त प्रदेश भर में चर्चा है, इसके साथ ही धर्मांतरण के मुद्दे को लेकर सरकार के स्टैंड की भी लोग जमकर तारीफ कर रहे हैं।

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