राष्ट्रीय

Karauli Violence News: मास्टरमांइड गिरफ्त से दूर, रामनवमी रैली से पहले नाबालिगों को थमाए नोटिस

Lokendra Singh Sainger

Karauli Violence News: राजस्थान के करौली में आज से ठीक एक साल पहले हिंदू नववर्ष रैली पर मजहबियों की ओर से सुनियोजित रूप से हमला किया गया। उस हमलें को आज एक साल पूरा होने पर हमारी टीम ने अब तक की जांच की पड़ताल की जिसमें हमें बहुत सारे विचलित करने वाले तथ्य सामने आये।

हलातों की पड़ताल करने पर पता चला कि पिछले हिंदू नववर्ष रैली के पर हुए हमले के बाद से कांग्रेस सरकार लगातार एकतरफा कार्यवाही करती दिख रही है। नजदीकी तौर पर देखा जाए तो हालात हैं की जो पीड़ित थे, जिनके पर हमला हुआ उनको अपराधी बना दिया गया है और जिन्होंने हमला किया वो खुले घूम रहे हैं।

रामनवमी पर नाबालिगों को किया पाबंद

गहलोत सरकार की पुलिस ने रामनवमी के दौरान होने वाली रैली से पहले ही सूत्रों के मुताबिक 517 हिंदुओं युवाओं को पाबंद कर दिया। जिसमें कई हिंदू लड़के तो नाबालिग है जिनका पूर्व में हुई हिंसा से दूर-दूर तक कोई संबंध नहीं था। जब इस संबंध में हमारे संवाददाता ने एसएचओ कोतवाली करौली से बातचीत की तो उन्होंने सूचना देने से इनकार कर हुए फोन कट कर दिया।

इससे साफ जाहिर होता है कि प्रशासन व पुलिस की ओर से पीड़ित हिंदुओं को अपराधी जबकि हमलावर मजहबियों को सुरक्षा प्रदान करने का काम किया जा रहा है।  

हिंसा के एक साल बाद अब रिहाई

करौली हिंसा में गिरफ्तार सोनू माली रिहाई पर सामाजिक कार्यकर्ता व हिंदू नेता अशोक पाठक ने सोशल मीड़िया पर पोस्ट कर लिखा कि ‘करौली में दो अप्रैल की घटनाओं में निर्दोष फंसाए गए युवा कार्यकर्ता सोनू माली उर्फ सोनू शिवाजी के जेल से रिहा होने पर माली समाज के युवाओं ने ढोल पटाखों से स्वागत किया। घर पहुंचने पर माता बहिनों ने आरती उतारकर, तिलक कर स्वागत किया'।

उन्होंने आगे कहा कि 'उस समय परिवारजनों की आंखों में जो खुशी के आंसू जोश खरोस था उसे सत्ता के जल्लाद कभी नहीं पहचान पाएंगे’।

करौलीवासियों के जहन में पुराने जख्म

Karauli Violence News: 2 अप्रैल 2022 का वह दिन आज भी करौलीवासियों के जहन में बसा हुआ होगा। उस साल हिंदू नववर्ष के पर्व पर समस्त हिंदुओं की ओर से रैली का आयोजन किया लेकिन यह मजहबी को रास नहीं आया और सुनियोजित रूप से दंगे का प्लान बनाया। जब वह रैली उनके इलाके से गुजरी तो मजहबियों ने पहले से जमा भारी-भरकम पत्थर व शिलाओं (पट्टियों) से हमला कर दिया। जिसमें काफी हिंदू घायल हो गये थे।

‘आपत्तिजनक’ गानों को बताया हिंसा का कारण

पुलिस ने इसे सांप्रदायिक घटना बताते हुए सभी आरोप हिंदू रैली में शरीक हुए हिंदू नेताओं, युवाओं और यहां तक की नाबालिगों पर मढ़ दिये। पुलिस ने मामले को जस्टिफाई करते हुए कहा कि ये दंगे रैली में ‘आपत्तिजनक’ गाने बजाए जाने की वजह से हुए है।

मास्टरमाइंड फरार, पुलिस की गिरफ्त से दूर

Karauli Violence News: इस दंगे के मुख्य आरोपी कांग्रेस पार्षद मतलूब अहमद पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। किहीं कारणों से राजस्थान पुलिस आरोपी को पकड़ नहीं पायी है। जबकि गहलोत की पुलिस ने हिंदुओं पर केस बनाकर उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। सोचनीय बात है कि हिंसा के मामले में गिरफ्तार हिंदुओं में से एक सोनू माली को कल यानि 31 मार्च को रिहा किया गया है।

जहां एक तरफ दंगों का मास्टरमाइंड फरार चल रहा है वहीं उस समय बेगुनाह पढ़ाई कर रहे लड़कों को पुलिस से बचने के लिए करौली छोडकर जाना पड़ा था।   

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