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Rahul Statements: विदेशी धरती से राहुल ने पहले भी किए मोदी सरकार पर वार; पढ़ें विस्तृत समाचार

Om Prakash Napit

Rahul Statements: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ब्रिटेन जाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गौतम अडानी, आरएसएस और केंद्र सरकार पर जमकर प्रहार किए। राहुल गांधी ने वहां अपने बयानों में अपनी पूरी भड़ास निकालते हुए भारत के लोकतंत्र को ही खतरे में बता दिया।

पीएम मोदी, अडानी, आरएसएस को घेरने के चक्कर में बड़बोले राहुल गांधी इतना कुछ कह गए कि बीजेपी ही नहीं सोशल मीडिया पर भी लोगों ने खूब क्लास लगाई। अपने भाषणों में उन्होंने भारत की छवि भी धूमिल करने का प्रयास किया और पीएम मोदी पर मजहबी नफरत तक की तोहमत लगा दी।

यह पहला मौका नहीं है जब राहुल गांधी ने विदेशी धरती पर अपने बयानों से पीएम मोदी, आरएसएस और केंद्र सरकार पर वार किए हों। इससे पहले भी राहुल ब्रिटेन समेत अन्य देशों में केंद्र सरकार को घेरने के चक्कर में देश को बदनाम करने वाले बयान दे चुके हैं। Since Independence पर पढ़ें विदेशी धरती पर राहुल के दिए गए कुछ विवादित बयान।

राहुल के विदेश में दिए कुछ बयान

(1) अगस्त 2018: राहुल गांधी साल 2018 में जर्मनी पहुंचे थे। उस दौरान उन्होंने कहा था कि भारत में रोजगार की भारी कमी है, लेकिन हमारे देश के पीएम इस मुद्दे पर बात नहीं करना चाहते। इस बयान के साथ उन्होंने पड़ोसी देश चीन का उदाहरण भी दिया और कहा कि चीन 50 हजार लोगों को रोजगार दे रहा है, लेकिन भारत में हर रोज 400 लोगों को ही रोजगार मिलता है।

(2) मई 2022: ब्रिटेन में हो रहे ‘आइडियाज फॉर इंडिया’ सम्मेलन में राहुल गांधी ने कहा था,‘आवाज के बिना आत्मा का कोई मतलब नहीं है, भारत की आवाज दबा दी गई है। कांग्रेस अब भारत के लिए लड़ रही है। यह लड़ाई वैचारिक है। बीजेपी सरकार पड़ोसी देश पाकिस्तान की तरह ही ईडी, सीबीआई जैसी एजेंसियों का इस्तेमाल करके राज्यों और संस्थानों को खोखला कर रही है।’

उसी कार्यक्रम में राहुल गांधी ने कहा था कि रूस यूक्रेन में जो कर रहा है हमें पैटर्न पड़ोसी देश चीन का भारत के डोकलाम और लद्दाख में नजर आ रहा है। चीन ने भारत में डोकलाम और लद्दाख में अपनी सेना खड़ी कर दी है और अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख को भारत का हिस्सा मानने से इनकार करता है।

(3) मार्च 2018: राहुल गांधी ने साल 2018 में मलेशिया दौरा किया था। उस दौरान उन्होंने साल 2016 में हुए नोटबंदी का जिक्र करते हुए कहा कि अगर मैं भारत का प्रधानमंत्री होता मुझे नोटबंदी करने का प्रस्ताव दिया जाता तो मैं उसे कचरे के डिब्बे में फेंक देता। मेरे हिसाब से नोटबंदी के साथ ऐसा ही किया जाना चाहिए था, क्योंकि यह किसी के लिए भी अच्छी नहीं है।’

(4) जनवरी 2018: साल 2018 में अध्यक्ष बनने के यह राहुल गांधी का पहला विदेश दौरा था। इस दौरान अपने भाषण में कहा था कि देश में आज विचित्र स्थिति है। भारत की सरकार लोगों को नौकरी देने में नाकामयाब रही है। बेरोजगारी इतनी है कि लोग सड़कों पर उतर आए हैं और गुस्से में दिखाई दे रहे हैं। राहुल गांधी ने कहा कि सरकार बेरोजगारी के मुद्दे से खुद का बचाने के लिए जातीय व धार्मिक उन्माद पैदा करवा रही है।

(5) मार्च, 2023: राहुल गांधी ने लंदन में केंब्रिज यूनिवसिर्टी और हाउस ऑफ पार्लियामेंट को संबोधित किया, साथ ही जर्नलिस्ट एसोसिएशन के कार्यक्रम में बयानबाजी की। इस दौरान उन्होंने भारतीय लोकसभा में माइक बंद करने, पेगासस से नेताओं की बातचीत रिकॉर्ड किए जाने, भारत में लोकतंत्र समेत प्रेस, न्यायपालिका, संसद और चुनाव आयोग खतरे में होने, सीमा विवाद पर सरकार पर झूठ बोलने, मजहबी भेदभाव किए जाने जैसे आरोप मोदी सरकार पर जड़े, साथ ही ने आरएसएस पर हमला बोलते हुए कहा कि आरएसएस ने भारत के सभी संस्थानों पर कब्जा कर लिया है।

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