हमने बचपन से गरीबी हटाओ का नारा सुना था, लेकिन अब इसे साकार होते देख रहे हैं: राष्ट्रपति द्रौपदी  -
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हमने बचपन से गरीबी हटाओ का नारा सुना था, लेकिन अब इसे साकार होते देख रहे हैं: राष्ट्रपति द्रौपदी

Rajesh Singhal

News: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले बुधवार (31 जनवरी 2024) को संसद के आखिरी बजट सत्र की शुरुआत हो गई।

सत्र की शुरुआत में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दोनों सदनों को संबोधित किया और सरकार के कामों को संसद को बताया।

राष्ट्रपति ने कहा, हमने बचपन से गरीबी हटाओ का नारा सुना था, लेकिन अब इसे साकार होते देख रहे हैं।” अगले दिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को अंतरिम बजट पेश करेंगी।

अपने अभिभाषण में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि नए सदन में यह उनका पहला संबोधन है। उन्होंने कहा, आज़ादी के अमृतकाल की शुरुआत में यह भव्य भवन बना है।

यहां एक भारत श्रेष्ठ भारत की महक भी है। भारत की सभ्यता और संस्कृति की चेतना भी है। इसमें हमारी लोकतांत्रिक और संसदीय परंपराओं के सम्मान का प्रण भी है।

आजादी के अमृतकाल उत्सव के दौरान मेरी माटी मेरा देश अभियान के तहत गांवों की मिट्टी की अमृत कलश यात्रा निकाली गईं।

राष्ट्रपति ने आगे कहा, “सत्तर हजार अमृत सरोवर बनाए हैं। दो करोड़ से ज्यादा पेड़ लगवाए। कर्त्तव्यपथ को नेताजी सुभाषचंद्र बोस की प्रतिमा स्थापित की गई।

PM स्मारक खोला गया है। तमाम संकटों के बीच भारत एक अग्रणी अर्थव्यवस्था बन गया है। भारत चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव पर झंडा फहराने वाला दुनिया का पहला देश बन गया। हमने अनुच्छेद 370 हटा दिया।

सरकार ने किए कई अहम बदलाव

राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में सरकार द्वारा लाए गए महत्वपूर्ण विधेयकों के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा, बीते 12 महीनों में मेरी सरकार अनेक महत्वपूर्ण विधेयक लेकर भी आई। ये विधेयक, आप सभी संसद सदस्यों के सहयोग से आज कानून बन चुके हैं।

ये ऐसे कानून हैं जो विकसित भारत के संकल्प की सिद्धि के मजबूत आधार हैं। 3 दशक बाद नारी शक्ति वंदन अधिनियम पारित करने के लिए मैं आपकी सराहना करती हूँ। इससे लोकसभा और विधानसभा में महिलाओं की ज्यादा भागीदारी सुनिश्चित हुई है।

यह वीमेन लेड डेवलपमेंट के मेरी सरकार के संकल्प को मजबूत करता है। रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म के अपने कमिटमेंट को मेरी सरकार ने लगातार जारी रखा है।”

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, सभ्यताओं के कालखंड में ऐसे पड़ाव आते हैं, जो सदियों का भविष्य तय करते हैं। भारत के इतिहास में भी ऐसे अनेक पड़ाव आए हैं। इस वर्ष 22 जनवरी 2024 को भी देश ऐसे ही एक पड़ाव का साक्षी बना है।

सदियों की प्रतीक्षा के बाद अयोध्या में रामलला अपने भव्य मंदिर में विराजमान हो गए हैं। ये करोड़ों देशवासियों की आस्था है। इस दौरान सांसदों ने सदन की मेज थपथपाकर स्वागत किया।

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