जामा मस्जिद Image Source: Social Media
Politics

ज्ञानवापी के बाद जामा मस्जिद,भोपाल की बेगम ने खुद कही मंदिर तोड़ने की बात?

Pulkit Sharma

देश में फिलहाल ज्ञानवापी मस्जिद(Gyanaapi Masjid) को लेकर ख़ासा बवाल मचा हुआ है। सुप्रीम कोर्ट में जहाँ मस्जिद(Gyanaapi Masjid) में जारी सर्वे को रोकने की मांग की जा रही है तो वहीँ दूसरी तरफ वाराणसी कोर्ट में मस्जिद सम्बंधित मामला कोर्ट में लंबित है। अब तक की बात करें तो सर्वे की रिपोर्ट कहती है की ज्ञानवापी में मंदिर होने की सबूत मिले है और रिपोर्ट सर्वे को जारी रखने की बात दोहराती है।

खैर, इन सबके बीच अब एक नया मामला सामने आया है। भोपाल के चौक बाजार में स्थित जामा मस्जिद भी अब ऐसे ही पेंच में फंसती नजर आ रही हैं। जी हाँ, संस्कृति बचाओ मंच का कहना है की मस्जिद में शिव मंदिर है और इस बात का जिक्र उर्दू में लिखी गई किताब 'हयाते कुदसी' में भी मिलता है।

मंच की माने तो इस किताब में इस बात का जिक्र उस मंदिर तुड़वाने वाली महिला शासक ने खुद लिखी थी और अब इसी जिक्र को आधार मानते हुए इस संबंध में आज याचिका लगाए जाने की तैयारी है। आइये तो अब इस मस्जिद का भी इतिहास खंगालने की कोशिश करते है।

भोपाल की इस जामा मस्जिद(Jama Masjid) का निर्माण मुस्लिम महिला शासक Qudsia Begum ने करवाया था।

लाल रंग के पत्थर से बनी, तीन दिशाओ से है एंट्री

दिल्ली की जामा मस्जिद(Jama Masjid) के तर्ज पर ही इसका निर्माण भी चार बाग पद्धति पर किया गया है। नौ मीटर वर्गाकार ऊंची जगह पर बनी इस मस्जिद के चारों कोनों पर 'हुजरे' का निर्माण किया गया हैं। मस्जिद(Jama Masjid) के भीतर बड़ा आँगन है और प्रवेश के लिए तीन द्वार हैं। पूरब और उत्तरी दिशा में बने द्वार के बीच में हौज है। मस्जिद का प्रार्थना स्थल अर्द्ध स्तंभ और स्वतंत्र स्तंभ पर आधारित है।

कुदसिया बेगम कौन है ?

कुदसिया बेगम(Qudsia Begum) भोपाल की पहली महिला शासक रही थी। मुस्लिम इतिहास के नजरिये से देखे तो ये एक तरक्की पसंद महिला थी। साल 1819 में जब 18 वर्षीय बेगम(Qudsia Begum) के पति की हत्या हो गयी तो इन्होने सत्ता की बागडोर अपने हाथो में ली। तरक्की पसंद होने के लिए किताबो से कहीं अधिक जरुरत सोच की होती है। बेगम भी उन्ही में से एक थी। बेगम वैसे तो अनपढ़ थी लेकिन उन्होंने पर्दा परंपरा का पालन करने से इनकार किया।

कुदसिया बेगम कौन है ?

इसके अलावा बेगम(Qudsia Begum) ने पितृसत्ता के सामने मिसाल पेश करते हुए घोषणा की थी कि उनकी 2 वर्षीय बेटी सिकंदर उनके बाद सत्ता की बागडोर संभालेगी। ये एक फैसला था जिसका पालन हिन्दू राजा भी उस दौर तक नहीं कर पाए थे, हालाँकि बेगम के इस निर्णय चुनौती देने का साहस किसी ने नहीं किया। बेगम ने साल 1837 तक भोपाल पर शासन किया और इसी दौरान जामा मस्जिद(Jama Masjid) का भी निर्माण करवाया।

1958 में करवाया रजिस्ट्रशन

भोपाल की इस जामा मस्जिद का वक्फ द्वारा 10 जनवरी 1958 को रजिस्ट्रेशन करवाया गया था। नवाब गौहर गुदसिया फरमारवा-ए-रियासत भोपाल के नाम से इस मस्जिद का रजिस्ट्रेशन करवाया गया है जिसका इसका एरिया करीब 101 वर्ग फीट है।

जामा मस्जिद

सर्वे की मांग

इस मामले को लेकर संस्कृति बचाओ मंच की मांग है की इस मस्जिद की भी ज्ञानवापी मस्जिद की ही तरह सर्वे करवाया जाए है। मंच के अध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी कहते है की इस मस्जिद का निर्माण मंदिर को तोड़कर करवाया गया था। कुदसिया बेगम की किताब में भी संबंधित घटना का उल्लेख मिलता है। ऐसे में अब मंच इस मममलेको लेकर कोर्ट में भी पिटीशन लगाने की तैयारी में है। बहरहाल देखते है ये मामला किस ओर रुख करता है।

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