महाराष्ट्र में लाउडस्पीकर विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है। आए पल इस केस में नए-नए किस्सें देखने को मिल रहे है। हाल ही मे अमरावती से सांसद नवनीत राणा ने लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला को चिट्ठी लिखी है। इस चिट्ठी में उन्होंने खार पुलिस पर हैरान करने वाले कई आरोप लगाए हैं।
ओम बिड़ला को संबोधित करते हुए नवनीत राणा ने लिखा कि मुझे 23 अप्रैल 2022 को खार पुलिस स्टेशन ले जाया गया। मैंने पूरी रात स्टेशन में गुजारी। ऐसे में प्यास लगने पर जब मैंने पुलिस से पानी मांगा तो उन्होंने मुझे पानी नहीं दिया।
राणा ने आगे लिखा जब मैंने उनसे पुछा तो पुलिस स्टाफ ने कहा कि मैं अनुसूचित जाति से हूं इसलिए वह उस ग्लास में मुझे पानी नहीं देंगे। यह वाक्या काफी हैरान करने वाला था। मुझे सीधे तौर पर जाति के आधार पर गाली दी गई और इस वजह से मुझे पीने के लिए पानी नहीं दिया गया। उन्होंने कहा, मुझे पानी पीने जैसे बुनियादी मानवाधिकार से भी इस चीज को लेकर वंचित किया गया कि मैं अनुसूचित जाति से हूं।
अपने पत्र में नवनीत राणा ने लिखा की शिवसेना अपने स्पष्ट हिंदुत्व सिद्धांतों से पूरी तरह से भटक गई है। वह सार्वजनिक जनादेश को धोखा देना चाहती थी और कांग्रेस-एनसीपी के साथ चुनाव के बाद गठबंधन बनाना चाहती थी। ऐसे मे मैंने शिवसेना में हिंदुत्व की लौ को फिर से जगाने की सच्ची आशा के साथ घोषणा की थी कि मैं मुख्यमंत्री के आवास पर जाऊंगी और वहां "हनुमान चालीसा" का जाप करूंगी। यह किसी भी तरह से धार्मिक तनाव को भड़काने के लिए नहीं था।
नवनीत राणा ने बताया कि मेरा मकसद किसी भी धार्मिक भावना को भड़काना नहीं था। उन्होंन उद्धव ठाकरे को भी हनुमान चालीसा के जाप में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था। उनकी कोई भी गतिविधि मुख्यमंत्री के खिलाफ नहीं थी। आगे उन्होंने बताया कि जब उन्हें पता चला की उनकी यह गतिविधि मुबंई में कानून व्यवस्था के लिए हानिकारक है तो उन्होंने तुरंत हनुमान चालीसा पढ़ने की जिद छोड़ दी और CM के आवास में जाने से मना कर दिया। उन्होंने खुद को अपने पति रवि राणा के साथ अपने घर में कैद लिया था।