Crime News: राजस्थान पुलिस को जितनी छुट मिली है, उतना ही उसका गलत फायदा उठाया गया है। पुलिस में एक बड़े पद के अफसर अपने चहते के लिए पुलिस की वर्दी पहनने के आदेश तक निकाल दिए।
जबकी नियम के मुताबिक तो CM भी किसी व्यक्ती को पुलिस की वर्दी पहनने का अधिकार नहीं दे सकते है।
आपको आरपीए, जयपुर में फर्जी सब इंस्पेक्टर बनकर दो साल ट्रेनिंग करने वाली मोना बुगालिया याद होगी, ऐसा ही एक नया मामला सामने आया है।
लेकिन यहां मामला थोड़ा उल्टा है, चलो आपको बता ही देते है कि पुलिस के एक बड़े पद अफसर ने राहुल यादव नाम के एक शख्स को पुलिस की वर्दी पहनने के आदेश दे देती है।
ये भाईसाहब भी पुलिस से एक कदम आगे ही निकले , नकली वर्दी क्या पहन ली ये तो अपने आप को ही बड़ा अधिकारी समझ बैठे ।
पुलिस का कहना है कि PHQ से NCRB, साइबर क्राइम एंड टेक्टनिकल सर्विसेज के DG रवि प्रकाश मेहरड़ा के निर्देश थे कि इन्हें प्रोटोकॉल देना है।
मोना बुगालिया के बाद अब एक युवक ने स्वंय को साइबर एक्सपर्ट बताकर व पीएचक्यू के अधिकारियों की ओर से RPS अधिकारी के तौर पर साइबर अपराध का प्रशिक्षण देने के फर्जी आदेश दिखाकर कई नए जिलों में ट्रेनिंग दी।
राहुल ने 15 दिन पहले कोटपूतली-बहरोड़ के SP रंजीता शर्मा को फोन कर बानसूर थानाधिकारी से प्रोटोकॉल लिया। वह जहां-जहां भी ट्रेनिंग देने जाता, वहां बानसूर थाना के स्टाफ, ASIको लेकर जाता।
फर्जी RPS राहुल यादव ने वर्दी पहनकर राजस्थान पुलिस के NCRB, साइबर क्राइम एंड टेक्टनिकल सर्विसेज के डीजी रवि प्रकाश मेहरड़ा के साथ फोटो खिंचवा रखी है। वहीं कई पुलिस अधिकारियों के साथ वीडियो व फोटो अपने इंस्टाग्राम पर अपलोड कर रखा हैं।
राहुल RPS की वर्दी में साइबर ठगी से बचने के तरीके बता रहा है। इस संबंध में राजस्थान पुलिस की विजिलेंस टीम ने भी एसओजी को राहुल यादव की शिकायत की है।
फर्जी RPS राहुल यादव पुत्र शैतान सिंह बहरोड़ कस्बे का रहने वाला है। राहुल ने कोटपूतली-बहरोड़ की SP रंजीता शर्मा को फोन कर PHQ से आने की बात कही और फिर बानसूर डिप्टी राजेश जाखड़ के पास गया और स्कूल, कॉलेजों में साइबर ठगी से बचने की ट्रेनिंग देने की बात कही। इस पर बानसूर डिप्टी ने बानसूर थानाधिकारी हेमराज गुर्जर के पास भेज दिया।
SHO हेमराज गुर्जर ने थाना की गाड़ी के साथ ASI सेडूराम शर्मा व कांस्टेबल को साथ में प्रोटोकॉल के लिए भेजा।
राहुल यादव ने अपनी इंस्टाग्राम आईडी पर स्वयं को एंटरप्रेन्योर, साइबर क्राइम इंवेस्टीगेटर और राजस्थान पुलिस एकेडमी, जयपुर में ट्रेनर बता रखा है, जिससे की उसके फॉलोअर की संख्या बढ़ सके। राहुल ने शुरू में बहरोड़ में अपने दो दोस्तों के साथ एक कंपनी बनाई और काम करने लगा।
इसके बाद राहुल कुछ पुलिस अधिकारियों के संपर्क में आया और वह राजस्थान पुलिस एकेडकमी, जयपुर में साइबर ठगी से बचने, साइबर क्राइम इंवेस्टिगेशन करने के तरीके सहित अन्य चीजों को लेकर ट्रेनिंग देने लगा।
उसने RPA में कई लेक्चरर दिए हैं, जिसके वीडियो व फोटो उसने अपनी इंस्टाग्राम पर डाल रखे हैं। इस संबंध में पुलिस की तरफ से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
साइबर क्राइम एंड टेक्टनिकल सर्विसेज, DG, NCRB के रवि प्रकाश मेहरड़ा ने कहा कि प्रदेश में साइबर क्राइम ज्यादा फैल रहा है, राहुल यादव साइबर का काम जानता है, इसलिए हमने उसे लिमिटेड पीरियड के लिए वर्दी पहनने की परमिशन दी थी। उसने कोई गलत काम तो किया नहीं है, मूवीज की शूटिंग में भी लोग वर्दी पहनते हैं। वर्दी अलाऊ करने का मकशद था कि इससे ऑथेंसिटी होती है। लोगों को जागरूक करने के लिए वीडियो बनाएं हैं। यदि आपको कोई बड़ी खबर बनानी है, बना दीजिए, हमारा ये मोटिव नहीं था।
कोटपूतली-बहरोड़ की SP रंजीता शर्मा ने कहा कि वर्दी पहनकर आए राहुल यादव के साथ PHQ से CI पीके मीणा भी साथ आए थे। PHQ से NCRB साइबर क्राइम एंड टेक्टनिकल सर्विसेज के डीजी रवि प्रकाश मेहरड़ा के निर्देश थे कि इन्हें प्रोटोकॉल देना है। DG मेहरड़ा के आदेश की पालना में ही हमने बानसूर थाना से उक्त युवक को प्रोटोकॉल दिया था। बाद में जब हमें फर्जीवाड़े का पता चला तो हमने उक्त युवक को वर्दी पहनकर नहीं घूमने के लिए भी कहा था।
बानसूर के थानाधिकारी हेमराजसिंह गुर्जर के अनुसार युवक राहुल यादव के साथ PHQ से CI पीके मीणा आए थे। राहुल ने हमें बताया कि उसे PHQ ने साइबर ठगी की ट्रेनिंग देने के लिए चुना है। हमारे पास उच्चाधिकारियों के फोन आए थे, इसलिए प्रोटोकॉल दिया व थाना स्टाफ को उसके साथ एक स्कूल के कार्यक्रम में भेजा था।