दल बदल पार्टी का चल रहा खेल, इन प्रत्याशियों को कुछ घंटे में ही मिला टिकट 
राजस्थान

दल बदल पार्टी का चल रहा खेल, इन प्रत्याशियों को कुछ घंटे में ही मिला टिकट| Rajasthan Election 2023

Madhuri Sonkar

Rajasthan Election 2023: बीजेपी और कांग्रेस एक दूसरे की विरोधी पार्टियां है, लेकिन जरूरत पड़ने पर ये दोनों ही पार्टियां एक दूसरे के नेताओं को खुद की पार्टियों में शामिल कराकर चुनाव लड़वाने का खेल करती है।

जिसमें वे एक-दूसरे के नेताओं को अपनी पार्टियों में शामिल करके चुनाव में भाग लेती हैं। पार्टी बदलते ही राष्ट्रवाद, आदर्श और शुद्ध राजनीति की बात करने वाली पार्टियों ने छह से आठ घंटे के अंदर ही प्रत्याशियों को टिकट से नवाजा गया है।

Rajasthan Election 2023: इन्हें मिला बीजेपी से टिकट

गिर्राज सिंह मलिंगा कांग्रेस का प्रतिनिधित्व करते थे लेकिन वो कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए। उन्हें पार्टी ज्वाइन कराने के पांच घंटे बाद ही उन्हें पार्टी बीजेपी से टिकट दे दिया गया है।

बता दें कि मलिंगा पर एक एससी इंजीनियर का हाथ तोड़ने का आरोप लगा था। जिसे लेकर बैठक में जमकर हंगामा हुआ था। कांग्रेस के सुभाष मिल ने बीजेपी से हाथ मिला लिया है और उन्हें भी पार्टी ने प्रत्याशी बना दिया है।

करौली से कांग्रेस सांसद दर्शन सिंह हाल ही में बीजेपी में शामिल हुए हैं और छह घंटे बाद ही उन्हें चुनाव लड़ने के लिए टिकट दे दिया गया है। उदयलाल डांगी ने भी आरएलपी छोड़ दी है और उन्हें वल्लभनगर से भाजपा का उम्मीदवार बनाया गया है।

पूर्व कांग्रेस सांसद रमेश खीरी को हाल ही में बीजेपी में शामिल किया गया था और अब उन्हें प्रत्याशी घोषित किया गया है। इसी के साथ ही सुभाष मछरिया को बीजेपी के तरफ से लक्ष्मणगढ़ से टिकट दिया गया है।

वह कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के खिलाफ मैदान में हैं। कांग्रेस नेता नंदलाल पुनिया के परिवार की सदस्य सुमित्रा पुनिया और अब सार्दुलपुर से बीजेपी की उम्मीदवार घोषित की गई है।

कुलदीप धनखड़ 2018 में विराट नगर से बागी होकर लड़े थे, हाल ही में उन्हें बीजेपी की ज्वाइन कराने के साथ ही टिकट दिया गया है।

Rajasthan Election 2023: इन्हें मिला कांग्रेस से टिकट

किशनगढ़ से बीजेपी की तरफ से टिकट कटने के बाद कांग्रेस ने विकास चौधरी को टिकट दिया है। वहीं कांग्रेस में शामिल होते ही प्रशांत सिंह परमार को टिकट दिया गया है।

ओम प्रकाश हुडला ने निर्दलीय चुनाव लड़ा था। हुडला को गहलोत सरकार को समर्थन देने के साथ ही कांग्रेस से टिकट दिया गया था।

पूर्व सांसद सोनाराम बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए है। पार्टी ने उन्हे छह घंटे के अंदर ही टिकट दे दिया है।

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