राजसमंद से रंजिता शर्मा की रिपोर्ट. पशु क्रूरता पर वैसे तो कई लो सोशल मीडिया पर राय देते हैं लेकिन जब पशु के साथ सामने ही क्रूरता हो रही हो तो कई लोग मूक दर्शक बन देखते रहते हैं.. ऐसा ही घटना राजस्थान के राजसमंद स्थित कांकरोली में घटी है। यहां गणगौर महोत्सव में पशु क्रूरता का मामला सामने आया। दरअसल यहां हरी गणगौर की शोभायात्रा निकल रही थी।
शोभायात्रा में हाथी, घोड़े और ऊंट का लवाजमा था। इस दौरान कलाकार कई तरह के करतब दिखा रहे थे। वहीं लवाजमे में एक सफेद घोड़ी का डांस वहां मौजूद सभी लोगों को लुभा रहा था। लेकिन इसी बीच एक युवक घोड़ी की पूंछ पकड़ कर सड़क पर बैठ गया।
इसके बाद जो लोग मजा लेते रहे.... और घोड़ी दर्द झेलते हुए कर्तब करती रही। इस दौरान युवक ने घोड़ी की पूंछ नहीं छोड़ी। वहीं दर्शक करतब पर मजे लूटते रहे। हैरानी की बात तो ये है कि पुलिस वाले भी तमाशबीन बनकर करतब का मजा लेते रहे। जानकारी के अनुसार घोड़ी 2 किलोमीटर तक 60 किलो के युवक का टॉर्चर झेलती रही।
बता दें कि राजसमंद नगर परिषद की ओर से शहर में गणगौर महोत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। ऐसे में सरकारी कार्यक्रम में इस तरह की पशु क्रूरता पर सवाल उठना सरकारी तंत्र की लापरवाही को ही कहीं न कहीं बयां कर रहा है।
सवाल ये है कि आखिर महोत्सव के चौथे दिन गणगौर की सवारी में शामिल घोड़े के साथ पशु क्रुरता पर पुलिस और प्रशासनिक कर्मी मौन क्यों रहे। उन्होंने इसे रोकने तक की हिम्मत नहीं दिखाई। युवक घोड़ी की पूंछ पकड़ सड़क पर बैठ गया.... वहीं एक अन्य युवक घोड़ी को नचाने लगा। घोड़ी की पूंछ कसकर पकड़े होने के कारण घोड़ी बमुश्किल नाच पा रही थी। इस दौरान मजे लेते दर्शक और पुलिसकर्मी ये भी भूल गए कि युवक लोगों को करतब दिखाने के चक्कर में उसके साथ क्रूरता बरत रहा था। सवारी के साथ मौजूद पुलिस के 3 जवान और नगर परिषदकर्मी भी इसे दर्शक बन देखते रहे, लेकिन किसी ने रोकने का प्रयास तक नहीं किया।