राजस्थान विधानसभा चुनाव को लेकर कल यानि 25 नवंबर को मतदान होने जा रहा है। इसके साथ ही धौलपुर जिले के चारों विधानसभा क्षेत्रों धौलपुर, बाड़ी, बसेड़ी और राजाखेड़ा में मतदान के लिए बस एक दिन बचा हुआ है। इसके बावजूद चुनावी रंग कही नजर नहीं आ रहा है। इस बार के चुनाव प्रचार में झंडे बैनर तक गायब दिखाई दे रहे हैं।
बता दें कि इस बार का विधानसभा चुनाव झंडे और बैनर पर नहीं लड़ा जा रहा है। यहां दलों और चेहरों के आधार पर जीत का दांव लगाया जा रहा है।
यहां का मतदाता मुद्दों के लेकर जागरूक हो या नहीं हो लेकिन दल बदल की राजनीति से बखूबी जानता है। वहीं वोटरों का कहना है कि जिसके झंडे बैनर लगाओं उनसे ही बुराई हो जाती है।
उन्होंने कहा कि जीत-हार प्रत्याशियों की है। हम इसमे क्या पड़े। इसके साथ ही दलों का कहना है कि इन सबसे खर्च बढ़ता है और निर्वाचन में इसको लेकर अनुमति लेना पड़ता है। इसकी वजह से खर्च भी बढ़ता है और इसे छुपाया नहीं जा सकता है।
दलों का कहना है कि शोर रैलियों और सभाओं में हो रहा है। समीकरण के आधार पर धौलपुर और बाड़ी में त्रिकोणीय संघर्ष होने जा रहा है। राजाखेड़ा में सीधे टक्कर की स्थिति देखा जा रहा है।
पिछली बार बीजेपी से चुनाव में जीतने वाली शोभारानी कुशवाह निष्कासन के बाद इस बार कांग्रेस की उम्मीदवार हैं। बीजेपी ने कांग्रेस का दामन छोड़कर आये हुए प्रत्याशी शिवचरण कुशवाह को मैदान में उतारा है।
इसी के साथ ही जीजा-साली के मुकाबले के बीच कांग्रेस के बागी बनवारी लाल शर्मा के भतीजे रितेश शर्मा चुनावी मैदान में हैं।
बता दें कि वसुंधरा राजे ने भरोसा जताकर शोभारानी को चुनाव लड़वाया था, लेकिन विधायक बनने के बाद वो पाला बदलने के साथ ही कांग्रेस में शामिल हो गई।
13 में से 10 चुनाव में कांग्रेस ने जीत हासिल की है। इस बार इस विधानसभा सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला होने जा रहा है। यहां से तीन बार के रहें गिर्राज मलिंगा का कांग्रेस ने टिकट काट दिया है।
इसकी वजह से मलिंगा ने बीजेपी का दामन थामना सहीं समझा। वहीं बीजेपी से दावेदारी करने वाले प्रशांत सिंह का इस बार टिकट कट गया है और वो कांग्रेस का हाथ पकड़कर मैदान में आ गए है।
बीजेपी से बगावत कर के जसवंत सिंह बसपा में शामिल हो गए है। इसके चलते बाड़ी विधानसभा सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय होने जा रहा है।
बसेड़ी पूरे राजस्थान की हाईप्रोफाइल सीट मानी जाती है। अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित इस सीट पर कांग्रेस विधायक खिलाड़ी लाल बैरवा निर्दलीय चुनाव लड़ रहे है।
इनका बगावत इस सीट का गणित उलझाकर रख दी है। बीजेपी के विधायक रहें सुखराम कोली इस बार फिर से ताल ठोक रहे हैं। कांग्रेस के संजय जाटव और बसपा के दौलतराम अपने पांसे फेंक रहे हैं।