युवक पासवर्ड चेंज और आईडी लॉक जैसे शब्द बोलकर हैकर बार-बार चिल्लाता है। युवक को रात भर समझाया गया। लेकिन सुबह होते ही वो हाईवे पर वापस भागने लगा। ड्राइवरों को रोका और उनसे आईडी हैक करने को कहा। इसके बाद उसके युवक दोस्त उसे ले गए और खाट पर रस्सी से बांध दिया।
चित्तौड़गढ़ में एक युवक को (Free Fire) ऑनलाइन गेम की ऐसली लत लगी कि उसे रस्सी से बांधकर रखने की नौबत आ गई। दरअसल फ्री फायर के चक्कर में वह पागलों की तरह हरकत करने लगा। बताया जा रहा है कि वो हाईवे पर वाहन चालकों को रोकने के बाद हैकर-हैकर चिल्लाने लग गया। इस पर लोगों को उसे खाट से बांधकर रखना पड़ा, लेकिन जैसे ही उसे खोला जाता तो वो फिर से सड़कों पर दौड़ने लगता।
मामला चित्तौड़गढ़ के भादेसर इलाके का है। यहां 22 साल का इरफान अंसारी कुछ दिन पहले छपरा (बिहार) से यहां आया था। बताया जा रहा है कि युवक घंटों फ्री फायर गेम खेलने का आदी है। गुरुवार की रात जब वो गेम खेल रहा था तभी अचानक उसका मोबाइल स्विच ऑफ हो गया। इसके बाद से उसकी हालत पागलों जैसी हो गई।
वो खेल की दुनिया से बाहर नहीं निकल पाया और अपनी हकीकत की दुनिया को ही वर्चुअल दुनिया मान बैठा। युवक पासवर्ड चेंज और आईडी लॉक जैसे शब्द बोलकर हैकर बार-बार चिल्लाता है। युवक को रात भर समझाया गया। लेकिन सुबह होते ही वो हाईवे पर वापस भागने लगा। ड्राइवरों को रोका और उनसे आईडी हैक करने को कहा। इसके बाद उसके युवक दोस्त उसे ले गए और खाट पर रस्सी से बांध दिया।
मनोचिकित्सक की राय: हम उस माहौल में घुलमिल जाते हैं जिस माहौल में हम दिनभर रहते हैं
मनोचिकित्सक डॉ. आर. के. सोलंकी के अनुसार हम उस माहौल में घुलमिल जाते हैं जिस माहौल में हम दिनभर रहते हैं। इंसान वर्चुअल माहौल में रहने के दौरान अपनी एक अलग दुूनिया बना लेता है। ऐसा हमारे हर कार्य पर निर्भर करता है। इसे कुछ हद तक मेंटल डाइरिया कहा जा सकता है। जैसा कंटेंट ज्यादा देखते हैं, उसके अनुसार ही दिमाग रिएक्ट करने लगता है। ये किसी के साथ भी हो सकता है।
इलाज यही कि दिमाग को आराम और गेम खेलने के समय को सीमित किया जाए
मनोचिकित्सक डॉ. मुकेश जाटोलिया के अनुसार ऑनलाइन गेमर्स भी अपनी खुद की दुनिया बना लेते हैं। धीरे-धीरे उनकी भावनाएं भी उस गेम से जुड़ने लगता है। उन्हें लगता है कि वर्चुअल दुनिया में जो हो रहा है वो उनके स्वंय के साथ हो रहा है। जबकि ऐसा कुछ नहीं हो रहा होता है। सब कुछ काल्पनिक है। इसका इलाज यही है कि दिमाग को आराम दिया जाए और वर्चुअल गेम में समय कम बिताया जाए
मोबाइल की खराब स्थिति
बंसेन ग्राम पंचायत के सरपंच कन्हैयालाल वैष्णव ने बताया कि मोबाइल फोन खराब होने से युवक की मानसिक स्थिति बिगड़ गई। मोबाइल उसके हाथ में था। उसके बाद भी अन्य लोगों पर युवक आरोप लगा रहा था कि किसी ने उसका मोबाइल चुरा लिया है। उसने कहा कि पीछे की ओर जो खेत है उसमें कोई बाइक सवार फसल खराब कर रहा है। बाइक उसने छुपा रखी है। मौके पर जाकर देखा तो कोई नहीं मिला।
पिता ने बिहार से बुलाया था
सरपंच ने बताया कि बिहार के छपरा निवासी मुस्लिम अंसारी ने चार माह से चित्तौड़गढ़-उदयपुर सिक्स लेन पर बजरंग होटल के बाहर दुकान लगा रखी है। वो अपने गांव छपरा या हुआ है। उसने अपने बेटे इरफान को यहां बिहार से बुलाकर दुकान संभालने के लिए कहा। इरफान 10 दिन से काम कर रहा था। युवक की तबीयत बिगड़ने पर उसकी पिता को सूचित कर दिया गया है।