दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर जा रही इंडियन क्रिकेट टीम को दौरे पर जाने से पहले ही एक तगड़ा झटका लगा है। भारतीय टीम के ओपनर शुभमण गिल , तेज गेंदबाज ईशांत शर्मा ,ऑलराउंडर रविंद्र जडेजा और अक्षर पटेल चोटिल हैं और ऐसा माना जा रहा की इन चारों खिलाडियों को दक्षिण अफ्रीका दौरे से बाहर किया जा सकता है।
रविंद्र जडेजा जहाँ लिगामेंट टीयर की समस्या से परेशान हैं तो वहीं अक्षर पटेल स्ट्रेस फ्रैक्टर से पीड़ित हैं। शुभमण गिल को कुछ वक्त पहले पिंडली की चोट से निजात मिल गयी थी मगर अब वापस ये चोट उभर आयी है जिसके दर्द से हो दो चार हो रहे हैं। तेज गेंदबाज ईशांत शर्मा मांसपेशियों में खिंचाव की समस्या से जूझ रहे हैं। इन वजहों से टीम सेलेक्टर्स की परेशानी दौरे पर भेजी जाने वाली टीम के चयन को लेकर बढ़ गयी है।
रिपोर्ट के मुताबिक , आलराउंडर रविंद्र जडेजा को भारत - न्यूजीलैंड के बीच हुए टेस्ट सीरीज के कानपुर मे हुए पहले टेस्ट मैच के दौरान चोट लगी थी जिसके चलते ही उन्हें मुंबई मे हुए दूसरे टेस्ट मैच से बाहर होना पड़ा था।
जडेजा के लिगामेंट टीयर को सही होने में महीनों लग सकते हैं , अगर उन्हें सर्जरी करनी पड़ गयी तो तक ठीक होने की मियाद बाद जाएगी और वो आईपीएल के आस पास ही ठीक हो पाएंगे।
स्ट्रेस फ्रैक्चर से जूझ रहे अक्षर पटेल को ठीक होने में कम से कम छह हफ्तों का वक्त लग सकता है। तीज गेंदबाज इसहंत शर्मा साइड स्ट्रेन पैन से जूझ रहे हैं जिसकी वजह से उन्हें दूसरे टेस्ट मैच में खेलने से महरूम होना पड़ा था।
फिलहाल तो दक्षिण अफ्रीका दौरे की टीम को लेकर एलान नहीं हुआ है। लेकिन माना जा रहा है की कभी भी टीम को लेकर एलान किया जा सकता है। ऐसे मे ये देखना दिलचस्प होगा कि इन चारों चोटिल खिलाडियों को लेकर चयनकर्ता क्या निर्णय लेंगे और अगर ये बाहर हुए तो फिर इनकी जगह किनको मौका दिया जायेगा।
क्या होता है स्ट्रेस फ्रैक्चर
स्ट्रेस फ्रैक्चर हड्डियों से जुडी इंजरी होती है। इसमें आम तौर पर चोट लगने पर हड्डियों में दरार आ जाती है , लेकिन कभी - कभी चोट ज्यादा गंभीर होने पर दरार से कहीं ज्यादा हड्डी को नुकसान पहुँच जाता है। ये समस्या खास कर उन लोगों को होती है जो फुटबॉल , बॉलीबॉल और बास्केट बॉल जैसे खेल खेलते हैं।
वैसे इस समस्या के पीछे की मुख्य वजह लगातार और जरुरत से ज्यादा गतिविधि होती है , मगर अक्सर वर्कआउट और नयी - नयी एक्ससरसाइज एक्सपेरिमेंट की वजह से भी इस इंजरी का सामना करना पड़ जाता है।