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BCCI का IPL को लेकर प्लान B : भारत में कोरोना केस बढ़े तो साउथ अफ्रिका या श्रीलंका में होगा आईपीएल-15

BCCI के एक अधिकारी ने हर समय UAE पर निर्भर न रह कर अन्य विकल्प तलाशने की बात कही। दक्षिण अफ्रीका बीसीसीआई के प्लान बी में प्रायोरिटी पर है।

ChandraVeer Singh

देश में कोरोना के बढ़ते मामलों को ध्यान में रखकर BCCI अब IPL सीजन 15 को लेकर प्लान बी में जुट गया है। दरअसल इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित रिपोर्ट तो कुछ ऐसा ही इशारा कर रही है। इस रिपोर्ट के अनुसार अप्रैल तक कोरोना के मामले ऐसे ही बढ़ते रहे तो IPL के पंद्रहवें सीजन का आयोजन दक्षिण अफ्रीका या श्रीलंका में होना तय है।

गौरतलब है कि देश में में कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए BCCI ने IPL के पिछले दो सीजन का आयोजन UAE में किया था। साल 2021 में IPL के चौदहवें सीजन के कुछ मैच जहां भारत में खेले गए तो वहीं बढ़ते मामलों के बाद इसके बाकि मैच यूएई में स्थानांतरित किए गए।

IPL में इस बार 10 टीमें खेलेंगी
IPL 2022 में 8 नहीं 10 टीमें हिस्सा लेने जा रही हैं। ये दोनों टीमें अहमदाबाद और लखनऊ से होंगी।

UAE पर निर्भर न रह कर अन्य विकल्प तलाशने होंगे

टी20 वर्ल्ड कप 2021 भी भारत में ही होना था, लेकिन कोरोना की वजह से यूएई को टी20 वर्ल्ड कप की मेजबानी भी दी गई। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, बीसीसीआई के एक अधिकारी ने हर समय UAE पर निर्भर न रह कर अन्य विकल्प तलाशने की बात कही है। वहीं अधिकारी ने बताया है कि दक्षिण अफ्रीका और भारत के समय का अंतर भी खिलाड़ियों और क्रिकेट प्रशंसकों को सूट करता है।

दक्षिण अफ्रिका का ही विकल्प क्यों

दक्षिण अफ्रिका में टूर्नामेंट कराने के को लेकर सबसे बड़ा खेल समय का ही है। जानकारी के अनुसार इससे प्रसारण समय भी प्रभावित नहीं होगा। दरअसल भारत दक्षिण अफ्रीका के समय से 3 घंटे 30 मिनट आगे है। उदाहरण के तौर पर अफ्रीका में अगर पहली गेंद शाम 5 बजे फेंकी जाती है, तो भारत में रात 8.30 बजे होंगे। ऐसे में ब्रॉडकास्टिंग टाइम भी सुटेबल है।

यही कारण है कि दक्षिण अफ्रीका बीसीसीआई के प्लान बी में प्रायोरिटी पर है। बीसीसीआई के एक अधिकारी के अनुसार अफ्रीका बोर्ड ने भारत ए और दक्षिण अफ्रीका ए के बीच बेहतरीन सीरीज का आयोजन किया था। पूरी सीरीज के दौरान एक भी कोरोना केस नहीं आया। वहीं, जब से विराट कोहली की टीम अफ्रीका पहुंची है। अफ्रीकी बोर्ड ने उनके लिए सब कुछ बेहतर ढंग से मैनेज किया है।

दक्षिण अफ्रिका बायो बबल एकड़ों में फैला होना भी कारण
टीम जहां दूसरे टेस्ट के लिए रुकी थी, वो जगह कई एकड़ में फैली हुई है। ऐसे में इसन जगह ने उन खिलाड़ियों के लिए चीजें आसान कर दीं जो वर्षों से कई विदेशी दौरों पर बायो बबल के कारण अपने कमरों तक कैद होकर रह गए थे। गौरतलब है कि 2009 में लोकसभा चुनाव के दौरान भी आईपीएल को दक्षिण अफ्रीका में शिफ्ट किया गया था।

श्रीलंका ने हाल ही में लंका प्रीमियर लीग को बेहतर तरीके से होस्ट किया इसलिए दूसरा विकल्प वो भी

आईपीएल के 13वें सीजन को जब कोरोना के कारण टाल दिया गया था। तब क्रिकेट श्रीलंका (एसएलसी) ने इस टूर्नामेंट की मेजबानी करने की पेशकश की। श्रीलंका ने हाल ही में लंका प्रीमियर लीग का आयोजन बेहतरीन तरीके से किया था। ऐसे में श्रीलंका भी बीसीसीआई के लिए एक बेहतरीन विकल्प है।

स्पॉन्सरशिप भी अब देसी... हमारा टाटा

वहीं IPL के 15वें सीजन के स्पॉ​न्सरशिप की बात करें तो चीनी कंपनी वीवो अब आईपीएल का टाइटल स्पॉन्सर नहीं रहने वाला है। ये तमगा अब टाटा ग्रुप ने वीवो से छीन लिया है। दरअसल टाटा आईपीएल का नया टाइटल स्पॉन्सर बना है। इस साल से आईपीएल टूर्नामेंट को अब टाटा आईपीएल के नाम से जाना जाएगा। पिछले साल चीन और भारत में तनाव के बीच वीवो से टाइटल राइट्स ट्रांसफर नहीं किए जा सके थे।

IPL चेयरमैन बृजेश पटेल ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को इसकी जानकारी दी है। यह फैसला दो दिन पहले आईपीएल संचालन परिषद की बैठक में लिया गया।

टाइटल स्पॉन्सरशिप दोनों के राइट्स अलग-अलग
आईपीएल के सेंट्रल स्पॉन्सरशिप में सिर्फ घरेलू कंपनियों का ही दबदबा है। सेंट्रल और टाइटल स्पॉन्सरशिप दोनों के राइट्स डिफ्रेंट हैं। जैसे जर्सी के राइट्स आईपीएल में सेंट्रल स्पॉन्सरशिप में नहीं आते हैं। क्योंकि जर्सी पर पर होने वाले प्रोमोशंस का अधिकार सिर्फ टाइटल स्पॉन्सरशिप के पास होता है।
स्पॉन्सरशिप को लेकर खास बात
टाइटल स्पॉन्सरशिप वाली कंपनी को अपनी ब्रांडिंग के लिए मैच के बाद के प्रेजेंटेशन एरिया, डग आउट में बैकड्रॉप और बाउंड्री रोप जैसी अच्छी जगह मिलती है। टाइटल स्पॉन्सरशिप में सेंट्रल कॉन्ट्रेक्ट के कंपेयर में ज्यादा राशि खर्च करनी पड़ती है।

वीवो 440 करोड़ रुपये हर साल BCCI को देता था

चीनी कंपनी वीवो आईपीएल टाइटल स्पॉन्सरशिप के लिए बीसीसीआई को हर साल 440 करोड़ रुपये का भुगतान करती है। पिछले साल भारत और चीन के बीच विवाद को लेकर जब देश में विरोध हुआ तो वीवो को एक साल का ब्रेक लेना पड़ा।

इससे पहले आईपीएल 2020 सीजन में फैंटेसी गेमिंग फर्म ड्रीम-11 टाइटल स्पॉन्सर थी। इसके लिए ड्रीम-11 ने बीसीसीआई को 222 करोड़ रुपये दिए थे। यह अनुबंध 18 अगस्त से 31 दिसंबर 2020 तक था। यह रकम वीवो के सालाना भुगतान का लगभग आधा था।

5 साल के लिए 2190 करोड़ में 5 साल का था IPL का अनुबंध

वीवो ने 2190 करोड़ रुपये के साथ 5 साल के लिए IPL टाइटल स्पॉन्सरशिप का अनुबंध किया था। कंपनी सालाना 440 करोड़ रुपये देती थी। यह अनुबंध 2018 से 2022 तक था। पहले खबर आ रही थीं कि वीवो के अनुबंध को 2023 तक बढ़ाया जा सकता है, लेकिन अब टाटा ने उनकी जगह ले ली है।

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