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जिन्होंने अपनों को खोया, उनके आंसू में सबकुछ दर्ज है : राहुल गांधी

Ranveer tanwar

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को नए तीन कृषि कानूनों के विरोध में मारे गए किसानों को कोई मुआवजा नहीं दिए जाने को लेकर केंद्र पर कटाक्ष करते हुए कहा कि अपने प्रियजनों को खोने वालों के आंसू में सब कुछ दर्ज है। उन्होंने हैशटैग फार्मरपोस्ट के साथ हिंदी में एक ट्वीट में कहा, "जिन लोगों ने अपनों को खोया उनके आंसुओं में सब कुछ दर्ज है।"

उन्होंने एक समाचार रिपोर्ट भी संलग्न किया जिसमें दावा किया गया था कि सरकार ने एक लिखित उत्तर में कहा कि उसके पास 'ऐसा कोई रिकॉर्ड नहीं है' । सरकार से पूछा गया था कि क्या उसे पता है कि पिछले नवंबर से चल रहे आंदोलन के दौरान कई आंदोलनकारी किसान मारे गए हैं या बीमार पड़ गए हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि मुआवजे का कोई प्रस्ताव नहीं है।

राष्ट्रीय राजधानी की कई सीमाओं पर किसान पिछले साल 26 नवंबर से तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं। किसान इन कानूनों को वापस लेने और फसलों के लिए एमएसपी पर कानून बनाने की मांग कर रहे हैं।

वही केंद्र सरकार और राजस्थान सरकार के बीच कई मुद्दों पर चल रहे टकराव का असर अब सरकारी फैसलों पर भी दिखने लगा है। गहलोत सरकार ने केंद्र सरकार, उसकी एजेंसियों और सभी केंद्रीय उपक्रमों के लिए जमीन महंगी कर दी है। केंद्रीय एजेंसियों को अब राजस्थान सरकार के विभागों की तरह सस्ती जमीन नहीं मिलेगी। शहरी क्षेत्रों में जमीन आवंटन नीति 2015 में बदलाव करते हुए नगरीय विकास और आवासन यूडीएच विभाग ने नए प्रावधान लागू कर दिए हैं। नई नीति में केंद्र के लिए जमीन को महंगा कर दिया है।

शहरी क्षेत्रों की नई जमीन आवंटन नीति में केंद्र सरकार के लिए जमीन महंगी करने दो नए प्रावधान जोड़े गए हैं।

शहरी क्षेत्रों में जमीन आवंटन के लिए वसुंधरा राजे सरकार के कार्यकाल में 2015 में नई नीति बनाई गई थी। उस नीति में गहलोत सरकार ने कई बदलाव करते हुए शहरी क्षेत्रों में जमीन आवंटन के नए प्रावधान शामिल करते हुए नई संशोधित नीति बनाई है। इस नीति के बिंदु 9 में सरकारी संस्थाओं को जमीन आवंटन करने का प्रावधान था। शहरी क्षेत्रों की नई जमीन आवंटन नीति में केंद्र सरकार के लिए जमीन महंगी करने दो नए प्रावधान जोड़े गए हैं।

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