ब्यरो रिपोर्ट. लुधियाना कोर्ट कांप्लेक्स में हुए बम ब्लास्ट मामले में डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय ने खुलासा किया कि इसमें आरडीएक्स का इस्तेमाल किया गया था। पंजाब पुलिस की फॉरेंसिक जांच में यह सामने हुआ है। डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय ने चंडीगढ़ में बताया कि हमले के पीछे ड्रग माफिया, गैंगस्टर और खालिस्तानी आतंकी हैं। उन्होंने कहा कि विस्फोट में मारा गया गगनदीप कोर्ट में बम लगाने गया था। उसे पहले ड्रग के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। जब वह जेल गया तो उसका ड्रग माफिया से गठजोड़ था। माफिया के बाद वह टेरर की तरफ चला गया। इस दौरान वह संगठित अपराध यानी गैंगस्टरों के संपर्क में आया।
विस्फोट के दौरान वॉटर पाइप लाइन फट गई, जिससे भारी मात्रा में विस्फोटक उड़ गए। डीजीपी का कहना है कि मामले में फोरेंसिक जांच की जा रही है, क्योंकि टिफिन बम की भी आशंका है।
डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय ने बताया कि हमले के पीछे ड्रग माफिया, गैंगस्टर और खालिस्तानी आतंकी हैं।
प्रारंभिक जांच से पता चला है कि विस्फोट के अगले ही दिन गगनदीप को अदालत में पेश किया जाना था।
(Ludhiana Court blast) असेंबल करते समय बम फट गया। गनीमत यह रही कि उस समय गगनदीप वहां अकेला था। इसका अंदाजा शव की स्थिति को देखकर लगाया जा सकता है। डीजीपी ने कहा कि गगनदीप को बम कहीं और लगाना था और वह बम के तारों को जोड़ने के लिए बाथरूम गया था।
उन्होंने कहा कि शुरू में गगनदीप ही इस साजिश का हिस्सा लग रहा था लेकिन इसमें और भी लोग शामिल हो सकते हैं। पुलिस ने लुधियाना में लगे सीसीटीवी में कुछ संदिग्ध देखे हैं। अब इनके बारे में गहनता से जांच की जा रही है।
पुलिस को मौके से कपड़े, सिम कार्ड, मोबाइल और टैटू मिले हैं। गगनदीप का शव ब्लास्ट के बाद शत-विशत हो गया था।
(Ludhiana Court blast) डीजीपी चट्टोपाध्याय ने कहा कि यह बहुत शक्तिशाली विस्फोट था। फिर भी इसे 24 घंटे के भीतर हल कर लिया गया है। पुलिस को मौके से कपड़े, सिम कार्ड, मोबाइल और टैटू मिले हैं। जिसके बाद लगा कि मरने वाला व्यक्ति ही बम लेकर वहां पहुंचा था।
जांच में इस बात की पुष्टि हुई कि वहां मरने वाले शख्स ने ही धमाका किया था। व्यक्ति की पहचान पंजाब पुलिस के बर्खास्त कांस्टेबल गगनदीप सिंह के रूप में हुई है।
(Ludhiana Court blast) डीजीपी ने बताया कि 2019 में गगनदीप के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट का मामला दर्ज किया गया था। एसटीएफ ने 11 अगस्त 2019 को उसके पास से 385 ग्राम हेरोइन बरामद की थी। उस समय वह खन्ना के थाना सदर में मुंशी था।
इसके बाद उसके साथियों अमनदीप और विकास को भी 400 ग्राम हेरोइन के साथ गिरफ्तार किया गया। वह दो साल जेल में रहने के बाद जमानत पर बाहर आया था। इस मामले में उनका ट्रायल भी चल रहा था।
लुधियाना कोर्ट ब्लास्ट का मास्टर माइंड गगनदीप। मौके से जो सुराग मिले हैं, उसके आधार पर जब मृतक की पहचान हुई तो पुलिस और NIA की टीम खन्ना में गगनदीप के घर पहुंच गई।
डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय ने यह भी कहा कि प्रारंभिक जांच में इस बात के सबूत मिले हैं कि मृतक गगनदीप सिंह के संबंध सीमा पार यानी पाकिस्तान में बैठे ड्रग तस्करों से थे। हालांकि पुलिस इसकी जांच कर रही है।
गौरतलब है कि मृतक गगनदीप सिंह का पाकिस्तान में बैठे बब्बर खालसा इंटरनेशनल के हरविंदर सिंह रिंडा से संपर्क का मामला सामने आ रहा है। वहीं रिंदा के तार जर्मनी में बैठे खालिस्तानी आतंकी जसविंदर सिंह मुल्तानी से जुड़े बताए जाते हैं। जो पाकिस्तान में बैठे ड्रग माफिया के जरिए पंजाब के जरिए भारत को हथियार और ड्रग्स सप्लाई करता है।
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