Monkeypox virus
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Monkeypox: कोरोना के बाद इस बुखार का डर, तेज दर्द के साथ शरीर पर चकत्ते, जानें कैसे करें बचाव

Jyoti Singh

एक ओर दुनियाभर में कोरोना के मामले बढ़ रहे है तो दूसरी और नए-नए वायरस लोगों की दिक्कतें बढा रहे है। ऐसे में हाल ही में एक नया वायरस लोगों के सामने आया है। इसके लक्षण चिकन पॉक्स जैसे है।

रिपोर्ट की माने तो ब्रिटेन में मंकीपॉक्स (Monkeypox) वायरस का एक मामला देखा गया है। जिस शख्स में इस वायरस की पुष्टि हुई है वह हाल ही में नाइजीरिया से आया था। बताया जा रहा है कि यह वायरस चूहे जैसे संक्रमित जीवों से मनुष्य में फैल रहा है

आखिर क्या है Monkeypox?

नये वायरस का नाम सुनते ही हमारे मन में उसके बारें में सब कुछ जानने की इच्छा होती है। आपकी इसी इच्छा को ध्यान में रखते हुए हम आपकों बताते है कि आखिर यें मंकीपॉक्स (Monkeypox) क्या है?

अमेरिका के CDC (Centers for Disease Control and Prevention) ने इस वायरस के बारे में बताया कि यह एक दुर्लभ बीमारी है जो मंकीपॉक्स वायरस के संक्रमण के कारण होती है। यह ऑर्थोपॉक्सवायरस जीनस से संबंधित है जिसमें वेरियोला वायरस (जो चेचक का कारण बनता है), वैक्सीनिया वायरस (चेचक के टीके में प्रयुक्त), और काउपॉक्स वायरस शामिल हैं। अभी तक यह साफ नहीं है कि इस वायरस का होस्ट कौन है, लेकिन अफ्रीकन रोडेंट और बंदर को इसके फैलने का कारण माना जाता है।

जानें क्या है इस वायरस के लक्षण

मंकीपॉक्स (Monkeypox) के लक्षण सामान्य चेचक के तरह के ही होते हैं, पर यह चेचक जितनी गंभीर बीमारी नहीं है। इस बीमारी के शुरूआती लक्षणों की बात करें तो इसमें बुखार, सिर दर्द, मांसपेशियों का दर्द, पीठ का दर्द, लिम्फ नोड्स में सूजन, ठंड लगना, और थकावट जैसे लक्षण दिखाई देते है।

इसमे 1-3 दिनों तक तेज बुखार होता है। इसमें रोगी के शरीर पर चकते हो जाते है जो शरीर के किसी भी भाग पर हो सकते है। इसमें कई बार शरीर पर घाव, मैक्यूल, पपुल्स, वेसिकल्स, पस्ट्यूल और स्कैब भी हो जाते हैं। यह बीमारी रोगी में 2-4 सप्ताह तक रहती है।

जानवरों से मानव में फैलता है ये वायरस

मंकीपॉक्स (Monkeypox) एक ज़ूनोटिक बीमारी है। इसमें जानवर से मानव में फैलने की क्षमता होती है। यह शरीर में त्वचा के घाव, श्वसन पथ, आंख, नाक या मुंह के माध्यम से प्रवेश करता है।

बता दें कि पशु से मानव में रोग का संचरण काटने, खरोंचने, घाव और प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष संपर्क के माध्यम से हो सकता है। इस रोग का मानव से मानव में संक्रमण फैलने की संभावना बहुत कम है, लेकिन संक्रमण श्वसन की बूंदों और प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष संपर्क में आने से यह संक्रमण हो सकता है।

मंकीपॉक्स से बचाव के उपाय

इस वायरस से बचने के लिए हम निम्न उपायों को अपना सकते है। ऐसे जानवरों के संपर्क में आने से बचें, जो वायरस को फैलाने का काम कर सकते हैं। बीमार जानवरों से डायरेक्ट या इनडायरेक्ट संपर्क से बचें। जो लोग संक्रमित हो जाते हैं, उन्हें स्वस्थ लोगों से दूर रखें यानी उन्हें आइसोलेशन में रखें। हाथों की सफाई पर खास ध्यान दें।

क्या है इस वायरस का इलाज

मंकीपॉक्स (Monkeypox) के इलाज की बात करें तो अभी तक वैज्ञानिकों के पास मंकीपॉक्स का कोई इलाज उपलब्ध नहीं है। हालांकि बता दें कि स्मॉलपॉक्स वैक्सीन, एंटीवायरल्स और VIG का उपयोग इस बीमारी के प्रकोप को रोकने के लिए किया जाता है।

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