तारीख 30 दिसंबर रात के करीब 2 बजे हैं... स्थान जयपुर का शहीद स्मारक... यहां खुले आसमान में माहौल हाड़ कंपाने वाली सर्दी का बना हुआ है... लेकिन इसी माहौल में रीट अभ्यर्थी अर्धनग्न हैं... सिंस इंडिपेंडेंस की टीम आधी रात को जब यहां पहुंची तो प्रदर्शनकारियों की यह तस्वीर उनके हौंसलों को बयां कर रही थी... ठंड में जब सभी लोग अपने घरों में कंबल रजाईयों में गहरी नींद में थे तब ये अर्धनग्न प्रदर्शनकारी सिर्फ अपनी मांगों को मनवाने के लिए गहलोत सरकार से अपील कर रहे हैं...। मांग यही कि रीट के 31 हजार पदों को 50 हजार तक किया जाए।
हमारी टीम सुबह तलक इन्हीं के साथ रही... तो पता चला कि जो अभ्यर्थी यहां बीते 76 दिन से यहां धरना दे रहे हैं उनकी एक एक रात यहां कैसे गुजरी होगी... क्योंकि कड़ाके की ठंड में एक रात भी यहां बिताना हमारे लिए भारी पड़ रहा था।
गौरतलब है कि रीट के युवा यहां धरना दे रहे हैं कभी ये मुर्गा बन सरकार को जगाने का प्रयास करते हैं तो कभी मुंडन करा कर सरकार का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश कर रहे हैं।
दरअसल 24 दिसंबर 2018 को राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने 31 हजार पदों के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा का ऐलान किया था , लेकिन उसके बाद कोरोना महामारी के चलते परीक्षा की तारीख तीन बार टाली। इस दौरान करीब एक साल 8 माह बीत गया, जब दूसरी लहर का कहर कम हुआ तो सरकार ने 26 सितंबर को इस बड़ी परीक्षा का आयोजन कराया। युवाओं का तर्क है कि उस समय जब मुख्यमंत्री ने रीट के 31000 पद की घोषणा की थी, उस समय इतने पद काफी थे लेकिन इस दौरान बड़ी सख्या में शिक्षक सेवानिवृत्त हुए हैं। स्कूलों में शिक्षकों के ऊपर बोझ बढ़ा रहा है। एक शिक्षक पर 100 से अधिक विद्यार्थियों को पढ़ाने की जिम्मेदारी है।
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