स्वास्थ्य, इंफ्रास्ट्रक्चर, रियल एस्टेट, रक्षा, हॉस्पिटैलिटी और एमएसएमई सेक्टर समेत अन्य क्षेत्रों के लिए कोरोना के दौर में बड़ी घोषणाएं और राहत पैकेज का एलान किया जा सकता है।

 
राष्ट्रीय

क्या इस बार का आम बजट चुनावी राज्यों के लिए केंद्र सरकार का हो सकता है तोहफा ?

बजट को लेकर सोचा जाए तो इस बार अगर बजट चुनावी होता है तो सरकार अपनी कमाई को कम कर सकती है और जनता को टैक्स में छूट मिल सकती है. सरकार की कोशिश इस बार चुनावी राज्यों को टारगेट करने की है. जिससे सरकारी खजाने पर बोझ बढ़ सकता है.

Raunak Pareek

आगामी पांच राज्यों में चुनाव है और ऐसे समय में बजट सत्र का आयोजन हो रहा है, इस समय पांच राज्यों उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, पंजाब व मणिपुर में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. इस बार के आम बजट से चुनावी राज्यों की जनता को काफी उम्मीदें हैं. चुनाव होने के कारण बजट के लोक लुभावन होने के संकेत मिल रहे हैं. केंद्र सरकार की 2021-22 में कमाई तो ज्यादा हुई और खर्च कम. ऐसे में ये कहा जा रहा है कि सरकार चुनावी राज्यों के लिए अपना जादुई पिटारा खोल सकती है. इस बार के बजट से किसान, ग्रामीण, नौजवान, गरीब, महिलाएं, पिछले, अति पिछड़े, सराकारी कर्मचारी, छोटे-बड़े व्यापारी और बड़े बिजनेसमैन की निगाहें इस बार के बजट पर रहने वाली है.

अगर ये बजट चुनावी बजट हुआ तो सरकार अपनी कमाई में इस बार कम कर सकती है. हो सकता है कि इस बार टैक्स में छूट भी मिल सकती है. चुनावी बजट में सरकार हर वर्ग को लुभाने की कोशिश करेगी, जिससे सरकारी खजाने पर बोझ बढ़ने की संभावना है. क्योंकि सरकार की कमाई बढ़ी है. बात करें 2021-22 में 34.8 लाख रुपये खर्च होने थे लेकिन सरकार 20 लाख करोड़ रुपये ही खर्च कर पाई. वहीं सरकार की कमाई की बात करें तो वह 70 प्रतिशथ बढ़ी है.

मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने बजट सत्र में कोरोना प्रभावित परिवारों के लिए राहत पैकेज, बेरोजगारी, महंगाई, किसानों से जुड़े मुद्दे, सीमा पर चीन के साथ गतिरोध और कुछ अन्य मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने का फैसला किया है. इस पर पार्टी का ये कहना है कि सीमा पर चीन की बढ़ती आक्रामकता और उसके साथ चल रहे गतिरोध, महंगाई, बेरोजगारी, अर्थव्यवस्था की स्थिति, एयर इंडिया तथा दूसरी सरकारी कंपनियों के निजीकरण तथा किसानों से जुड़े मुद्दों पर सरकार से जवाब मांगा जाएगा.

चलिए अब आंकड़ों से समझते है पांच चुनावी राज्यों की अर्थव्यवस्था और गरीबी दर को

उत्तर प्रदेश के बारे में

– 17.5 लाख करोड़ की अर्थव्यवस्था

-19.98 करोड़ जनसंख्या

– 4.8 फीसदी बेरोजगारी दर

-32.8 फीसदी गरीबी दर

-करीब 55,456 रुपये प्रति व्यक्ति आय

मणिपुर के बारे में

-37 हजार करोड़ की अर्थव्यवस्था

-31 लाख जनसंख्या

-बेरोजगारी दर 44.4 फीसदी

-गरीबी दर 36.89 फीसदी

– करीब 92,430 रुपये प्रति व्यक्ति आय

पंजाब के बारे में

-5.29 लाख करोड़ की अर्थव्यवस्था

-2.8 करोड़ जनसंख्या

-बेरोजगारी दर 6.8 फीसदी

-गरीबी दर 8 फीसदी

-करीब 25 हजार रुपये प्रति व्यक्ति आय

उत्तराखंड के बारे में

-1.01 करोड़ जनसंख्या

-2.8 लाख करोड़ की अर्थव्यवस्था

-5 फीसदी बेरोजगारी दर

-11.26 फीसदी गरीबी दर

– करीब 2 लाख 2 हजार रुपये प्रति व्यक्ति आय

गोवा के बारे में

-81 हजार करोड़ की अर्थव्यवस्था

-18.2 लाख जनसंख्या

-12 फीसदी बेरोजगारी दर

-गरीबी दर 3.76 फीसदी

-49 हजार करीब प्रति व्यक्ति आय

Like Follow us on :- Twitter | Facebook | Instagram | YouTube

Diabetes से हो सकता है अंधापन, इस बात का रखें ख्याल

बीफ या एनिमल फैट का करते है सेवन, तो सकती है यह गंभीर बीमारियां

Jammu & Kashmir Assembly Elections 2024: कश्मीर में संपन्न हुआ मतदान, 59 प्रतिशत पड़े वोट

Vastu के अनुसार लगाएं शीशा, चमक जाएगी किस्मत

Tiger Parks: भारत के 8 फेमस पार्क,जहां आप कर सकते है टाइगर का दीदार