अगर आप भी बाइक या स्कूटी चलाते हैं, तो आपके लिए ये नियम जानना जरुरी है. क्योंकी जल्द ही केंद्र सरकार बाइक चलाने के नियमों में कुछ बदलाव करने जा रही है. सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने इसके लिए ड्राफ्ट जारी कर दिया है.
बाइक या स्कूटी को छोटे सफर के लिए सबसे उपयोगी समझा जाता है इसलिए ज्यादातर लोग इसे पसंद करते हैं. दूसरा ये कम खर्चे में चल सकती है और साथ ही इससे आप ट्रैफिक वाली सड़कों से सफर करने पर समय की बचत होती है. इसलिए भारत में ज्यादातर लोग बाइक या स्कूटी से चलना पसंद करते हैं लेकिन खास बात ये है कि टू-व्हिलर वाहनों में बड़ो के लिए तो सेफ्टी नियम लागू है लेकिन बच्चों पर ये नियम लागू नहीं होते. इसलिए अब केंद्र सरकार इन सबको ध्यान में रखते हुए नए कदम उठाने जा रही है.
आने वाले कुछ 8 सालों में केंद्र सरकार का प्लान है की सड़कों पर होने वाली दुर्घटनाओं को जीरो कर दिया जाए. इसलिए केंद्र सरकार ने कुछ कदम उठाए है और सरकार मोटरसाइकिल से सफर करने वालों के लिए नियम में बदलाव किए हैं. ऐसे में इन नियमों को जानना आपके लिए बेहद जरुरी है. हालांकि ये सरकार द्वारा बनाए गए ये नियम 1 साल बाद लागू होंगे. अभी इस ड्राफ्ट पर लोगों से सरकार ने सुझाव और आपत्ति मांगी हैं. चलिए जानते है क्या है ये नियम.
केंद्र सरकार द्वारा 4 साल से छोटे बच्चों को बाइक पर ले जाने के संबध में एक अधिसूचना जारी की है. जिससे बाइक पर सफर के दौरान बच्चे सुरक्षित रहें. इस संबंध में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने 15 फरवरी, 2022 की अधिसूचना के जरिए से सीएमवीआर, 1989 के नियम 138 में संशोधन किया है.
नया नियम मोटर वाहन अधिनियम की धारा 129 के तहत बताया गया है, जिसमें कहा गया है कि केंद्र सरकार, नियमों के अनुसार, चार साल से कम उम्र के बच्चों को बाइक पर कहीं ले जाने के संबध में सुरक्षा उपायों का प्रावधान कर सकती है. वहीं सुरक्षा बेल्ट और सुरक्षा हेलमेट के उपयोग को निर्धारित करती है साथ ही बाइक स्पीड 40 किमी प्रति घंटे तक निर्धारित रखने का भी प्रावधान करता है.
केंद्रीय मोटर यान (दूसरा संशोधन) नियम 2022 में बनने के 1 साल बाद 9 महिने से 4 साल के बच्चों को पीछे बिठाकर ले जाने के कुछ नियमों की पालना करनी होगी.
4 साल से छोटी उम्र के बच्चों को मोटरसाइकिल के चालक से जोड़ने के लिए सेफ्टी हार्नेस का उपयोग किया जाएगा. सेफ्टी हार्नेस बच्चों द्वारा पहना जाने वाला एक वेस्ट (बनियान) है, जिसमें वेस्ट से जुड़ी पट्टियों की एक जोड़ी और चालक द्वारा पहने जाने वाले शोल्डर लूप्स होंगे. इससे बच्चे का उपरी हिस्सा चालक से सुरक्षित रुप से जुड़ा होगा. सेफ्टी हार्नेस हल्का वहन, एडजेस्टेबल, वाटरप्रूफ और टिकाऊ होना चाहिए. साथ ही यह भारी नायलॉन या पर्याप्त कुशनिंग युक्त हाई डेंसिटी फोम वाली मल्टीफिलामेंट सामान से बना होना चाहिए. इसके अलावा यह 30 किलो तक वजन को झेलने वाला होना चाहिए.
9 महिने से 4 साल तक के पीछे बैठने वाले बच्चों को क्रैश हेलमेट पहनना जरुरी होगा और यह चालक सुनिश्चित करेगा. हेलमेट बच्चे के सिर में फिट बैठने वाला होना चाहिए.
चार साल तक के बच्चे को पीछे बिठाने वाले मोटरसाइकिल की स्पीड 40 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा नहीं होना चाहिए. तेज स्पीड होने पर यह दंडनीय माना जाएगा.
जानकारी के अनुसार, सड़क परिवहन मंत्रालय व राजमार्ग मंत्रालय के अधिकारियों ने नोटिफिकेशन पर नवंबर के अंत तक सुझाव और आपत्ति मांगी हैं. जो भी आपत्तियां आएगी उनका सॉल्व किया जाएगा. इसके बाद गजट जारी कर संशोधन किया जाएगा. नोटिफिकेशन में ये साफ तौर पर कहा गया है कि संशोधन के एक साल बाद नए नियम लागू होंगे. यानि दिसंबर तक आपत्तियों का निपटारा होने के बाद इसमें संशोधन कर दिया जाएगा और एक साल बाद 2022 के अंत तक या जनवरी 2023 में यह नियम लागू हो जाएगा.
सड़क पर होने वाली दुर्घटनाओं को कम करने के लक्ष्य को हासिल करने में सरकार ‘जन-भागीदारी’ और ‘जन-सहभाग’ जैसे जन आंदोलन के माध्यम से ही कामयाब हो सकती है. इस ‘जन-सहभाग’ को सफल बनाने के लिए सरकारों को केन्द्रीय, राज्य और नगर निकायों के स्तर पर एक सकारात्मक सहयोगी की भूमिका निभानी चाहिए।
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