News: Rajasthan की ग्राम पंचायत कांसली के लोगों ने Vote देकर शराब की दुकान बंद करवा दी। अब गांव कांसली में एक अप्रैल 2024 शराब का ठेका नहीं खुलेगा।
दरअसल, राजस्थान के नए जिले के कोटपूतली-बहरोड़ के गांव कांसली में लोग लंबे समय से शराब की दुकान की शिकायत कर रहे थे। कह रहे थे कि गांव में शराब बिकने से युवा पीढ़ी भी बर्बाद हो रही है।
लगातार शिकायत मिलने पर कोटपूतली-बहरोड़ जिला कलक्टर ने गांव कांसली में शराब की दुकान को लेकर मतदान करवाने के आदेश जारी किए। तय किया कि 51 फीसदी मतदान शराब के ठेके का भविष्य तय होगा कि ठेका रहेगा या बंद होगा।
कोटपूतली-बहरोड़ जिला प्रशासन ने गांव कांसली में मतदान की उसी तरह व्यवस्था की, जो सांसद, विधायक या अन्य कोई जनप्रतिनिधि के चुनाव के लिए होती है।
शराब के पक्ष व विपक्ष में वोट को लेकर गांव कांसली के लोगों का उत्साह भी देखते ही बना। गांव कांसली को शराब मुक्त बनाने के लिए महिलाएं घरों से गीत गातीं हुई निकलीं और मतदान केंद्र पहुंचकर वोट डाले।
कुल 3750 वोटरों वाली ग्राम पंचायत में पंचायत भवन के पास के सरकारी स्कूल में मतदान केंद्र बनाया गया, जहां ग्रामीणों ने मतदान किया। गांव कांसली कुल 75.04 प्रतिशत मतदान हुआ।
2932 मतदाताओं ने वोट डाले। शाम छह बजे मतदान का रिजल्ट भी घोषित किया गया। गांव कांसली में 2932 मतदाताओं में से 2919 वोटरों ने शराब का ठेका बंद करने के पक्ष में वोट डाला जबकि शराब के ठेके के पक्ष में सिर्फ 4 वोट पड़े। 9 वोट खारिज हो गए।
तहसीलदार सौरभ गुर्जर ने बताया कि गांव कांसली में शराबबंदी को लेकर हुए मतदान के लिए राजकीय बालिका उच्च प्राथमिक विद्यालय में तीन बूथ बनाए गए थे।
तीनों कमरों में सुबह दस से शाम चार बजे तक वोटिंग हुई। गांव कांसली में शराब के ठेके का भविष्य तय करने के लिए सामान्य चुनाव वाली पूरी प्रक्रिया अपनाई गई।
मतदान केंद्र स्थापित करने के साथ-साथ मतदाता सूची देखकर मतदाताओं को प्रवेश दिया गया। उनकी पहचान के लिए आधार कार्ड व वोटर आईडी देखी।
यहां मतदान केंद्र पर ईवीएम की बजाय मतपेटी रखी गई थी। मतदान पूरी तरह से गुप्त रखा गया। प्रशासन की ओर से बूथ पर सुरक्षाकर्मी भी तैनात किए गए। वैसे राजस्थान में इस समय कोई चुनाव नहीं, मगर गांव कांसली में हुआ मतदान चर्चा का विषय बन गया।