Rajasthan Election 2023: राजस्थान चुनाव को लेकर सरगर्मिया तेज हो गई हैं। इसी के साथ ही सभी नेता अपने मतदाताओं को रिझाने में लगे हुए हैं। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा कई दिनों से राजस्थान के दौरे पर चल रहे हैं तो वहीं प्रियंका गांधी भी हुंकार भरने दौसा के सिकराय पहुंचेगी।
यहां पर जनसभा को संबोधित करेगीं। साथ ही मतदाताओं से सीधा संपर्क साधेगी। राज्य की कांग्रेस सरकार एक बार फिर से पूर्वी राजस्थान के 13 निर्वाचन क्षेत्रों में ईआरसीपी के मुद्दे को लेकर मैदान में उतर गई है। इसी मुद्दे ने 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को जीत दिलाने में सफल हुई थी।
2018 के चुनाव में पूर्वी राजस्थान कांग्रेस के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित हुआ था। यहां की 83 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस ने 49 सीटों पर जीत हासिल की थी, तो वही बीजेपी महज 25 सीटों पर सिमट गई थी।
एक बार फिर से विधानसभा चुनाव आने के साथ ही बीजेपी और कांग्रेस आमने-सामने हो गई है। कांग्रेस ने चुनाव से पहले इन इलाकों में ईआरसीपी (पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना) पर जागरूकता अभियान चलाया है।
प्रियंका गांधी के आज ईआरसीपी प्रभावित दौसा जिले के सिकराय विधानसभा में एक बड़ी सार्वजनिक बैठक को संबोधित करेंगी। यह पहली बार है जब प्रियंका गांधी राजस्थान के किसी क्षेत्र का दौरा करेंगी।
इसके पहले उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट यहां का दौरा कर चुके है। अगर बात कि जाए तो आचार संहिता लगने के बाद ये सबसे बड़ी चुनावी रैली है। इस रैली के जरिए प्रियंका गांधी केंद्र सरकार को ईआरसीपी के मुद्दे पर घेरने का प्रयास करेगी।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस मुद्दे के राजनीतिक निहितार्थ से अच्छी तरह वाकिफ हैं। इसीलिए उन्होंने पिछले पांच साल से इसे लगातार थीम बनाकर रखा है। गहलोत ने कहा था कि पीएम मोदी इसे राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने के अपने चुनावी वादे से पीछे हट गए हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री को 11 बार पत्र लिखकर ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की मांग की थी।
इस परियोजना की डीपीआर के मुताबिक राजस्थान की 26 बड़ी और मध्यम सिंचाई परियोजनाओं को फायदा होगा। डीपीआर के कमांड एरिया में 2 लाख हैक्टेयर नई जमीन शामिल करने की बात है। इसी के अनुसार 19 नवंबर 2017 को इस परियोजना की सीडब्ल्यूसी को सौंपी गई थी। मध्य प्रदेश ने इस डीपीआर पर आपत्ति जताई और इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।
भाजपा अब तक इस समस्या का कोई राजनीतिक समाधान ढूंढने में विफल रही है। हालांकि उनके नेता इस मामले पर स्पष्ट बयान देते रहते हैं। केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी, बीजेपी के केंद्रीय मंत्री गुरुवार को जयपुर पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने ईआरसीपी और काली सिंध को काम संभालने को लेकर बड़ा बयान दिया।
केंद्र ने राजस्थान और मध्य प्रदेश के साथ जानकारी साझा की है। नदी समिति ने इसे प्राथमिकता दी है। हमने पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना पर एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की है। हमने राजस्थान और मध्य प्रदेश को विस्तृत रिपोर्ट भेज दी है।
दोनों राज्य सरकारों की मंजूरी के बाद केंद्र सरकार इस पर अमल शुरू कर देगी। वहीं, केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि ईआरसीपी कांग्रेस की योजना नहीं बल्कि सिर्फ एक चुनावी मुद्दा है।
पीएम नरेंद्र मोदी ने पिछले दिनों दौसा के दौरे पर आए हुए थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि हम ईआरसीपी और पार्वती काली सिंध का काम संभालने के लिए तैयार हैं। केंद्र ने राजस्थान और मध्य प्रदेश के साथ जानकारी साझा की है।
नदी समिति ने इसे प्राथमिकता दी है। हमने पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना पर एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की है। हमने राजस्थान और मध्य प्रदेश को विस्तृत रिपोर्ट भेज दी है। दोनों राज्य सरकारों की मंजूरी के बाद केंद्र सरकार इस पर अमल शुरू कर देगी।