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उत्तर प्रदेश

Lakhimpur Violence Case: पुलिस की चार्जशीट में खुलासा‚ किसानों को कुचलने वाली जीप में ही था मंत्री टेनी का बेटा आशीष

ChandraVeer Singh
एफआईआर में धारा 201 बढ़ा दी गई है। साथ ही वीरेंद्र कुमार शुक्ला का नाम जोड़ा गया है। मंत्री का नाम भी जोड़ने का अनुरोध किया गया था, लेकिन उनका नाम नहीं जोड़ा गया।
तिकूनिया हिंसा मामले में किसानों के वकील अमन

लखीमपुर खीरी हिंसा के 90 दिन बाद एसआईटी ने मामले में कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की है। एसआईटी के सूत्रों के अनुसार पता चला है कि यह चार्जशीट 5000 पेज की है। इसमें टेनी के बेटे आशीष मिश्रा के खिलाफ अपराधिक मामला दर्ज किया गया है।

3 अक्टूबर को तिकुनिया कांड में एक पत्रकार समेत 8 लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले में दोनों पक्षों की ओर से मामला दर्ज किया गया था। मामले की जांच एसआईटी की टीम कर रही है।

SIT ने बताया था सुनियोजित साजिश

3 अक्टूबर से 3 जनवरी तक तिकुनिया घटना के 90 दिन पूरे हो चुके हैं। जांच एजेंसी को गंभीर आरोपों में 90 दिनों के भीतर चार्जशीट दाखिल करनी होती है।

मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा मोनू समेत 13 लोग न्यायिक हिरासत में जेल में हैं।

एसआईटी के इंस्पेक्टर विद्याराम दिवाकर ने इसे हादसा न बता कर एक सुनियोजित साजिश बताया था।

उन्होंने अदालत से मामले में आरोपियों के खिलाफ धाराओं में बदलाव करने का अनुरोध किया था। इसमें कहा गया था कि भविष्य में भी इसी धारा के तहत मामले की जांच होनी चाहिए।

अजय मिश्रा के साले वीरेंद्र शुक्ला को भी आरोपी बनाया गया

चार्जशीट में गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा के साथ उनके साले वीरेंद्र शुक्ला का भी नाम शामिल किया गया है। शुक्ला को ब्लॉक प्रमुख बताया जा रहा है। शुक्ला पर पुलिस को झूठी जानकारी देने का आरोप है।

घटना वाले दिन वीरेंद्र शुक्ला की स्कॉर्पियो कार काफिले में ही थी। जिसे पुलिस ने संपूर्णनगर से बरामद किया था। वहीं आशीष मिश्रा के वकील अवधेश सिंह ने बताया कि चार्जशीट दाखिल कर दी गई है लेकिन अभी तक कॉपी नहीं मिली है।

कानून विशेषज्ञों की मानें तो हत्या जैसे जघन्य मामले में जांचकर्ता को न्यायिक हिरासत के पहले दिन से 90 दिनों के भीतर जांच पूरी करने और चार्जशीट दाखिल करने के लिए बाध्य किया जाता है।

देश की राजनीतिक हालात को प्रभावित करने वाली तिकुनिया घटना पर लोगों के साथ-साथ राजनीतिक पंडितों की भी नजर है। इसका कारण केंद्रीय मंत्री का बेटा इस मामले में आरोपी है। ये मामला अपने हाई प्रोफाइल की वजह से मीडिया की सुर्खियों में रहा है।

चार किसान, एक लोकल पत्रकार सहित 8 लोगों की गई थी जान

बीते साल 3 अक्टूबर को घटित हुई साजिश में चार किसानों, एक स्थानीय पत्रकार समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी। आशीष मिश्रा और उनके साथियों पर फायरिंग के दौरान किसानों को उनकी कार से कुचलने का आरोप है।

इसमें चार की मौत हो गई और कई गंभीर रूप से घायल हो गए। चार अक्टूबर को आशीष मिश्रा समेत कई अन्य के खिलाफ तिकुनिया थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। हालांकि बाद में एसआईटी की जांच में पता चला कि यह हादसा नहीं बल्कि सुनियोजित साजिश के तहत हुई हत्या थी।

गृह राज्य मंत्री के बेटे समेत 13 लोगों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल करनी है। इसको लेकर कोर्ट परिसर में अफरातफरी का माहौल है। पूरे कोर्ट में पुलिस तैनात कर दी गई है। एसआईटी की टीम कुछ ही देर में कार्यालय पहुंचने वाली है। बता दें कि चार्जशीट में एक और नाम जुड़ गया है।

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