पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने 15वीं विधानसभा को भंग कर दिया. इस बीच भगवंत मान आप पार्टी ने विधायक दल का नेता चुना है और वो कल राज्यपाल से मुलाक़ात कर सरकार बनाने का अपना दावा पेश करेंगे. विधायक दल की बैठक के दौरान भगवंत मान ने चुने गए सभी नवनिर्वाचित विधायकों से अहंकार न करने की अपील की.
''हमें उन लोगों का भी सम्मान करना होगा जिन्होंने हमें वोट नहीं दिया. सभी विधायकों को उन क्षेत्रों में काम करना चाहिए जहां से वे चुने गए हैं, न कि केवल चंडीगढ़ में रहें.''एएनआई के अनुसार
इससे पहले भगवंत मान ने अरविंद केजरीवाल से मुलाक़ात कर उन्हें शपथ ग्रहण में आमंत्रित किया था.
भगवंत मान का जन्म 17 अक्टूबर, 1973 को पंजाब में संगरूर जिले के सतोज गांव में हुआ. बहुत कम लोगों को ये बात मालूम है कि मान के घर का नाम जुगनू है. चुनावी हलफनामे के अनुसार वे 12 वी पास है. वहीं वर्ष 1992 में संगरूर स्थित सुनम शहर के शहीद उधम सिंह सरकारी कॉलेज से बीकॉम में दाखिला लिया लेकिन पढ़ाई एक साल तक ही हो सकी. बाद में भगवंत मान ने इंद्रप्रीत कौर से शादी की, मगर दोनों का विवाह ज्यादा दिन नहीं चल पाया. साल 2015 में दोनों अलग हुए दोनों के दो बच्चे भी हैं.
संगरूर लोकसभा सीट से सांसद मान ने साल 2019 के चुनावी हलफनामे दाखिलकर बताया की उनके पास 1,64,27,274 रुपये की कुल संपत्ति हैं और कोई देनदारी नहीं है. इसमें उनके पास 25 हजार नकद और पांच बैंक अकाउंट हैं. जिनमें 3,37,495 रुपये (एसबीआई बैंक), 2,79,818 रुपये (आईडीबीआई बैंक), 13,661 रुपये (एचडीएफसी बैंक), 52,725 रुपये (बैंक ऑफ बड़ौदा), 1,09,095 (आईडीबीआई बैंक) और पेटीएम बैंक में करीब दो हजार रुपये हैं. इसके अलावा बॉन्ड की बात करें तो वो उनके पास नहीं है और ना वो ही किसी कंपनी में शेयर धारक हैं.
इसके साथ ही आप नेता के पास बीस लाख रुपये से ज्यादा की दो गाड़ियां हैं. जिनमें टोयोटा फॉर्च्यूनर की कीमत 11,87,573 रुपये और क्रूज कार की कीमत 8,50,000 रुपये आंकी गई. मान के पास तकरीबन 95 ग्राम सोना जिनकी कीमत तब करीब लाख रुपये आंकी गई. इसी तरह 20 हजार रुपये की अन्य संपत्तियां हैं. उसके अलावा आप नेता के पास एक गन है जिसकी कीमत बीस हजार रुपये हैं. इसी तरह 75 लाख रुपये की खेती योग्य जमीन है, जो संगरूर जिले में ही है. इसी तरह 51 लाख रुपये की कमर्शियल संपत्ति है.
इस बारे में बहुत कम लोग जानते है कि साल 2014 में आप पार्टी में शामिल होने से पहले 2012-14 तक मान पीपुल्स पार्टी ऑफ पंजाब से जुड़े रहे, जिसकी प्रमुख मनप्रीत सिंह बादल हैं. उन्होंने साल 2012 में इसी पार्टी में रहते चुनाव लड़ा और हार का सामना करना पड़ा.
आप सांसद ने चुनाव आयोग को दिए अपने हलफनामे (2019) में ये बताया कि उनके खिलाफ किसी तरह का कोई बी आपराधिक मामला नहीं है.
आप नेता ने चुनावी हलफनामे में इस बारे में बताया उनकी कमाई के जरिया एक सांसद के तौर पर मिलने वाला मानदेय ही. इसके अलावा किराया और बैंक में जमा पूंजी से ब्याज मिलता है. उन्होंने खुद को प्रोफेशनल आर्टिस्ट बताया है.