पंजाब चुनाव में प्रचंड जीत के बाद आप के भगवंत मान ने 16 मार्च को शहीद-ए-आजम भगत सिंह के पैतृक गांव खटकड़कलां में सीएम पद की शपथ ली थी और अब भगवंत मान ने अपने मंत्रिमंडल का भी गठन कर दिया है. मान की कैबिनेट का गठन 19 मार्च को राजभवन में हुआ. राज्यपाल ने 10 विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई.
सीएम मान ने होली की शाम खुद ट्वीट कर अपने मंत्रियों के नाम का ऐलान किया था. पहली बार मुख्यमंत्री बने भगवंत मान ने नए मंत्रिमंडल में हर वर्ग और हर क्षेत्र को साधने की कोशिश की. उनकी कैबिनेट में दलित, महिला और हिंदू समुदाय के विधायकों को भी जगह मिली है. कैबिनेट गठन में माझा और मालवा क्षेत्र का दबदबा साफ तौर पर देखने को मिल सकता है.
ट्वीट में ही बताए 10 लोगों के नाम ये है जिनमें इनमें केवल एक महिला डॉ. बलजीत कौर हैं. सभी 10 नाम इस तरह से हैं -
हरपाल सिंह चीमा- दिड़बा
डॉ. बलजीत कौर- मलोटी
हरभजन सिंह ईटीओ- जंडियाला
विजय सिंगला- मानसा
गुरमीत सिंह मीट हेयर- बरनाला
कुलदीप सिंह धालीवाल- अजनाला
लालजीत सिंह भुल्लर- पट्टी
ब्रह्म शंकर (जिंपा)- होशियारपुर
लाल चंद कटारुचक- भोआ
हरजोत सिंह बैंस- आनंदपुर साहिब
पहले हम बात करेंगे इन 10 लोगों की जो मान सरकार में अपनी पदवी संभालेंगे.
2017 में विधानसभा में सुखपाल सिंह खैरा के बाद आम आदमी पार्टी ने दिर्बा, संगरूर के विधायक हरपाल सिंह चीमा को विपक्ष का नेता बनाया था. हरपाल सिंह नाभा के रहने वाले हैं और पेशे से वकील हैं. वह दिड़बा सुरक्षित सीट से दूसरी बार आम आदमी पार्टी के विधायक चुने गए हैं. हरपाल चीमा ने अपने करियर की शुरुआत पंजाबी यूनिवर्सिटी, पटियाला में एक छात्र नेता के रूप में शुरू की थी. वे ज़िला बार एसोसिएशन संगरूर के प्रेसिडेंट भी रह चुके है.
पंजाब राज्य में मलौत सीट पर डॉ. बलजीत कौर ने अकाली दल के हरप्रीत सिंह को 40 हज़ार के भारी अंतर से हराया. वे फरीदकोट के पूर्व सांसद साधु सिंह की बेटी हैं. 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने अपने पिता के लिए चुनाव प्रचार भी किया था. बलजीत कौर करीब 4 साल पहले आप पार्टी में शामिल हुई थी और पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ा.
बलजीत कौर के बारें में कहा जाए तो वे पेशे से आंखों की डॉक्टर हैं. उन्होंने MBBS और MS की पढ़ाई की है. उन्हें भारत सरकार की और से सर्वश्रेष्ठ सर्जन से सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है.
सिविल अस्पताल मुक्तसर में नेत्र रोग एक्सपर्ट के पद पर काम कर रही बलजीत कौर ने चार महीने पहले रिटायरमेंट ली. रिटायर होने के बाद उन्होंने एक निजी क्लिनिक शुरू करके अपनी सेवाएं शुरू कीं.
एक निजी टीवी चैनल से बात करते हुए बलजीत कौर ने अपने नाम का एलान होने पर कहा, ''मुझे ख़ुद इसकी जानकारी नहीं थी. जब लोग बधाई देने लगे तो मुझे इसके बारे में पता चला.''
हरभजन सिंह ईटीओ जंडियाला की आरक्षित सीट से विधानसभा पहुंचे हैं. उन्होने शिरोमणि अकाली दल के सतिंदरजीत सिंह छज्जलवाड़ी और कांग्रेस के सुखविंदर सिंह डैनी को हराया. चुनाव आयोग को दिए हलफ़नामे के अनुसार, हरभजन सिंह पेशे से वकील हैं और उनकी पत्नी सरकारी कर्मचारी हैं. उनका कहना है कि उनकी आय वकालत और पेंशन से हुई है.
डॉ. विजय सिंगला मानसा विधानसभा क्षेत्र से अपना पहला चुनाव जीतकर पंजाब विधानसभा में एंट्री ली है. इस कारण उनकी सीट हॉट बन गई, क्योंकि कांग्रेस ने गायक सिद्धू मूसेवाला को वहां से उम्मीदवार बनाया था. अगर पेशे की बात करें तो डॉ. विजय सिंगला पेशे से दांतों के डॉक्टर हैं. मज़े की बात ये है कि वहां से सभी प्रमुख दलों के उम्मीदवार पहली बार ही चुनाव लड़ रहे थे.
गुरमीत सिंह मीत हेयर बरनाला से दूसरी बार आप पार्टी के विधायक बने हैं. इस बार उन्होंने अकाली दल के कुलवंत सिंह को वहां से हराया. चुनाव आयोग को दिए गए हलफ़नामे के अनुसार, उनकी आय के मुख्य स्रोत विधायक का वेतन और कृषि है. उनकी पढ़ाई की बात करें तो उन्होने विवेकानंद प्रौद्योगिकी संस्थान से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है. क़रीब एक दशक पहले वे आईएएस की तैयारी कर रहे थे और अन्ना हजारे आंदोलन के समय वे आप पार्टी में शामिल हो गए है.
कुलदीप सिंह धालीवाल अमृतसर ज़िले के जगदेव कलां गांव के निवासी है. उन्होंने अजनाला सीट से जीत दर्ज की है. उनके खिलाफ़ इस सीट पर कांग्रेस के हरप्रताप सिंह अजनाला और पंजाब लोक कांग्रेस के सुरजीत सिंह खड़े थे. कुलदीप सिंह 10वीं पास हैं. उनका परिवार कांग्रेस का सदस्य रहा है और उनके भाई कांग्रेस के सरपंच रह चुके हैं.
लालजीत सिंह भुल्लर पट्टी के रहने वाले हैं. वे पट्टी विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी की और मुकाबला लड़ा और जीता और विधायक बने. उनका मुक़ाबला कांग्रेस के हरमिंदर सिंह और पंजाब लोक कांग्रेस के जसकरन गिल से था. लालजीत 12वीं तक पढ़े लिखे हैं
ब्रह्म शंकर शर्मा होशियारपुर क्षेत्र के रहने वाले है. उन्होंने होशियारपुर विधानसभा सीट से जीत दर्ज़ की है. इस सीट पर उनके प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के सुंदर शाम अरोड़ा और भाजपा के तीक्ष्ण सूद थे. ब्रह्म शंकर भी 12वीं तक पढ़े हैं.
लाल चंद पठानकोट के कटारुचक गांव निवासी है. उन्होंने भोज विधानसभा सीट से जीत दर्ज की. उनके खिलाफ़ कांग्रेस से मैदान में जोगिंदर पाल और बीजेपी से सीमा रानी खड़ी थीं. लाल चंद 10वीं तक पढ़े हैं. चुनाव आयोग को दी जानकारी में उन्होंने इस बात का जिक्र किया है की उनके पास कोई अचल संपत्ति नहीं है. दाखिल हलफ़नामे के अनुसार, वे एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं और उनके पास कोई आय का सोर्स नहीं है. हालांकि, चल संपत्ति के रूप में उनके पास एक स्विफ़्ट कार और एक होंडा एक्टिवा है.
हरजोत सिंह बैंस रूपनगर जिले के गंभीरपुर गांव के निवासी है. उन्होंने आप पार्टी की ओर से आनंदपुर साहिब निर्वाचन क्षेत्र से जीत दर्ज की. उनके खिलाफ़ कांग्रेस के कंवर पाल सिंह और बीजेपी के डॉ. परमिंदर शर्मा खड़े थे. हरजोत सिंह पेशे से वकील हैं और उन्होंने BA LLB की पढ़ाई की है.
ये तो बात हुई उन 10 कैबिनेट मंत्रीयों की अब बात करते है इन सभी की शिक्षा, प्रापर्टी और क्रिमिनेल कैसे से जुड़ी बातें।
पंजाब में AAP पार्टी सरकार के CM भगवंत मान का मंत्रिमंडल तैयार हो गया है. पहले चरण में 10 मंत्रीयों ने शपथ ली. मान का मंत्रिमंडल पिछली कांग्रेस की चरणजीत चन्नी सरकार के मुकाबले कई मायनों में अलग है. हाल ही में 10 नए मंत्रियों में 2 लखपति हैं. इनमें लालचंद कटारूचक्क के पास केवल 6 लाख और गुरमीत सिंह मीत हेयर के पास केवल 44 लाख की संपत्ति है.
मान सरकार के मंत्रियों की कुल प्रॉपर्टी की कीमत 72 करोड़ है. वहीं, चन्नी सरकार में रहे मंत्रियों की कुल प्रॉपर्टी 348 करोड़ के पास थी और चन्नी सरकार में मंत्री रहे राणा गुरजीत की अकेले की प्रॉपर्टी तकरीबन 170 करोड़ थी. इस लिहाज से देखें तो आप के नए मंत्रियों की कुल संपत्ति भी उनके आधे के बराबर भी संपति नहीं है.
वही उम्र के लिहाज से भी मान मंत्रिमंडल जवान चेहरों को शामिल किया गया है. मान मंत्रिमंडल में CM समेत 11 मंत्रियों की औसत आयु 46 साल है. तो चन्नी सरकार में यह औसत उम्र 59 साल थी
भगवंत मान की सरकार में सबसे अमीर मंत्री 8 करोड़ की प्रॉपर्टी वाले ब्रह्मशंकर जिंपा हैं और सबसे कम 6 लाख की संपत्ति लालचंद कटारूचक्क के पास है.
मान सरकार में हरजोत बैंस सबसे यंग मंत्री है जिनकी उम्र 31 साल हैं. प्रकाश सिंह बादल के बाद भगवंत मान भी पंजाब के सबसे यंग मुख्यमंत्री हैं. इसके अलावा मान मंत्रिमंडल में शामिल दूसरे नंबर पर गुरमीत सिंह मीत हेयर है जिनकी उम्र 32 साल हैं. बाकी मंत्रियों में हरपाल चीमा की उम्र 47 साल, डॉ. बलजीत कौर 46, हरभजन ईटीओ 53 साल, डॉ. विजय सिंगला 52, लालचंद कटारूचक्क 51, कुलदीप धालीवाल 60 और ब्रह्मशंकर जिंपा 56 साल के हैं.
चन्नी सरकार में 78 साल के तृप्त राजिंदर बाजवा सबसे बडी उम्र के मंत्री थे तो सबसे उम्र वाले 44 साल के अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग थे. चन्नी सरकार में 9 मंत्रियों की उम्र 60 से उपर थी.
मान सरकार में लालचंद कटारूचक्क और कुलदीप धालीवाल केवल10वीं तक पढ़े हैं. लालजीत भुल्लर और ब्रह्मशंकर जिंपा की पढ़ाई 12वीं तक है. दूसरी और इनके अलावा 2 डॉक्टर बलजीत कौर और विजय सिंगला हैं. हरपाल चीमा LLB, हरभजन ETO ने MA की है तो मीत हेयर बीटैक और हरजोत बैंस ने BA,LLB पास आउट है. खुद CM भगवंत मान ने बीकॉम पार्ट वन किया है.
वहीं अगर चन्नी सरकार की बता करें तो खुद चरणजीत चन्नी ने BA, LLB, MBA की पढ़ाई की और PhD कर रहे थे. दूसरे नंबर पर मनप्रीत बादल ने BA और LLB की थी. सबसे कम 9वीं तक संगत सिंह गिलजियां ने पढ़ाई की थी. रजिया सुल्ताना, राणा गुरजीत और अमरिंदर राजा वड़िंग की शिक्षा 10वीं तक थी.
भगवंत मान मंत्रिमंडल में के क्रमिनल रिकॉर्ड की बात करें तो CM समेत 7 मंत्रियों पर केस दर्ज हैं. CM भगवंत मान, हरपाल चीमा, मीत हेयर, लालचंद कटारूचक्क, लालजीत भुल्लर पर रैली और प्रदर्शन का केस है. इसके अलावा अजनाला सीट से जीत दर्ज कर आए कुलदीप धालीवाल पर एक हत्या का मुकदमा चल रहा है. 21 मई 2019 को राजासांसी में दर्ज इस केस में हाईकोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर फिलहाल रोक है. इससे इतर 4 नए मंत्री हरजोत बैंस, ब्रह्मशंकर जिंपा, डॉ. विजय सिंगला और डॉ. बलजीत कौर पर कोई केस नहीं है. वहीं चन्नी सरकार में 18 में से 17 मंत्रियों के खिलाफ कोई केस नहीं था. केवल कपूरथला से मंत्री राणा गुरजीत के खिलाफ ही केस दर्ज था।